रायपुर- आदिवासी व पिछड़े क्षेत्रों में विकास के लिए साय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिसमें लाइसेंसियों के बजाय अब अंग्रेजी शराब सीधे कंपनियों से खरीदने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे उद्देश्य शराब खरीदी-बिक्री में पारदर्शिता, गड़बड़ियों की आशंका को खत्म करना है। राज्य की विष्णुदेव सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के नियमों में परिवर्तन करते हुए पांचों प्राधिकरणों की कार्य प्रणाली को प्रभावी एवं सशक्त बनाने का निर्णय लिया है।
प्राधिकरण में स्थानीय विधायकों में से एक विधायक को इसका उपाध्यक्ष मनोनित किया जाएगा। क्षेत्रीय विधायक इन प्राधिकरणों के सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अथवा सचिव इन पांचों प्राधिकरणों के सदस्य सचिव होंगे। मुख्यमंत्री इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष होंगे। इससे पहले पूर्ववर्ती सरकार में स्थानीय विधायकों को ही अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा रही थी। मंत्रालय में आयोजित बैठक में मंत्रिमंडल ने पांचों प्राधिकरणों के पुनर्गठन एवं निधि नियम के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
वर्ष 2004-05 में बस्तर, सरगुजा एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का गठन तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था। इसके बाद वर्ष 2012 में राज्य की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछडावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया। इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हुआ करते थे।
प्राधिकरणों के गठन के बाद अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों, मजरा-टोला, पारा-मोहल्लों, वार्डों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं के अनेक महत्वपूर्ण कार्य कराए गए। वर्ष 2019 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इन प्राधिकरणों के कार्य संचालन की प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया, जिसके चलते प्राधिकरणों का न सिर्फ महत्व कम हो गया, बल्कि इनके कार्याें की मानिटरिंग के साथ ही शासन स्तर पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं रह गया था। मंत्रिमंडल की बैठक में इन प्राधिकरणों की निगरानी सीधे मुख्यमंत्री सचिवालय से होगी।
मंत्रिमंडल के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
- उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याता नीति-2024 का अनुमोदन।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चना वितरण के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित निर्गम मूल्य तथा नागरिक आपूर्ति निगम को प्राप्त रा चना की मिलिंग एवं परिवहन दर को जोड़कर चना खरीदा जाएगा।
- मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 14 हजार 369 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को 19 करोड़ 37 लाख 93 हजार रुपये की स्वीकृत।
- बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के लिए 50-50 करोड़ रुपये का प्रविधान।
- ग्रामीण एवं अन्य पिछडा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए 80 करोड़ रुपये का प्रविधान।
शराब खरीदी के लिए एफएल-10 व्यवस्था समाप्त
विदेशी मदिरा के थोक विक्रय एवं भंडारण के लिए नियमों में परिवर्तन किया है। मंत्रिमंडल की बैठक में इसकी स्वीकृति मिली है। वर्तमान में प्रचलित एफएल 10 एबी अनुज्ञप्ति की व्यवस्था को समाप्त करते हुए सीधे विनिर्माता इकाइयों से विदेशी मदिरा का थोक क्रय किए जाने का अनुमोदन किया गया। विदेशी मदिरा का क्रय इससे पहले लायसेंसियों द्वारा किया जाता था। सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त करने के साथ विदेशी मदिरा क्रय करने की जिम्मेदारी अब छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन को दे दी है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2,161 करोड़ का घोटाला
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2,161 करोड़ रुपये का शराब घोटाला सामने आया था, जिसमें ईडी ने 1,300 पन्नों की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस मामले में शराब कारोबारी, सहित आइएएस सलाखों के पीछे हैं। ईडी ने जांच में पाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में प्रभावशील लोगों के इशारे में नकली होलोग्राम तैयार करवाया गया। इसके बदले कमीशन भी लिया गया। साथ ही सुनियोजित तरीके से पूर्ववर्ती सरकार ने आबकारी नीति में भी परिवर्तन कर दिया।