रायपुर- शिक्षा सभी के लिए जरूरी है. अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए पैरेंट्स कई तरह के जतन करते है. अपने बच्चों की बेहत शिक्षा के लिए निजी स्कूलों का सहारा लेते है. छत्तीसगढ़ में भी निजी स्कूल की मनमानी ऐसी की स्कूल फीस से लेकर कॉपी, किताब और स्कूल ड्रेस में भी कमीशन लेने की शिकायतें हमेशा आती रही है. अभिभावक सबसे ज्यादा मनमर्जी फीस की बढ़ोतरी को लेकर परेशान है.
छत्तीसगढ़ के निजी स्कूलों की मनमानी साफ तौर पर देखी जा सकती है. कई स्कूलों में 20 से 25 प्रतिशत तक फीस को बढ़ाया गया है. शासकीय स्कूलों से लोंगो का मोहभंग हो रहा है तो निजी स्कूल संचालक जमकर फीस वसूल रहे है.
ऐसे समझे छत्तीसगढ़ का हाल
छत्तीसगढ़ में 10 हजार के करीब निजी स्कूल संचालित है
लाखों छात्र-छात्राएं इन स्कूलों में पढ़ाई करते है
2020 अशासकीय फीस विनियमन समिति का गठन हुआ
हर साल निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस की बढ़ोतरी कर रहे है
पीपी1 स्कूल के बच्चों की फीस 39600 है
नया पीपी 1 के छात्रों को फीस बढ़ कर 48000 हो गया है
कक्षा 1,2 का पहले 47300 था अब 56 हजार 700 हो गया है
कक्षा 3,4,5 का पहले 51000 था अब 60000 हो गया है
कक्षा 6वीं से 8वीं तक 55200 से बढ़ कर 65 हजार हो गया है
9वीं 10 का 63100 से बढ़ कर 73 हजार 100
11वीं और 12 का 53 हजार 400 से बढ़ कर 69 हजार 400 तक बढ़ गया है
कई स्कूलों में तो लाखों में फीस लिया जाता है
10 प्रतिशत स्कूल फीस बढ़ाने का प्रवाधान है, मगर पालक संघ समिति की सहमति पर
स्कूल ड्रेस और किताबों के लिए दुकान भी निजी स्कूलों के निर्धारित है
निजी स्कूल संघ का कहना है नियमत कार्रवाई हुई तो ठीक अन्था एक जुट होकर विरोध भी करेंगे