बस्तर- लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सोमवार को पांच महिलाओं और तीन किशोरों सहित कुल 26 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. दंतेवाड़ा, बस्तर लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां 19 अप्रैल को मतदान होगा. ये सभी नक्सलियों ने पुलिस के पुनर्वास अभियान ‘लोन वर्राटू’ से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है. वोटिंग से महज कुछ दिनों पहले हुए इस आत्मसमर्पण को पुलिस की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
1 लाख के इनामी नक्सली ने भी किया सरेंडर
दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जोगा मुचाकी प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की ‘कोराजगुड़ा पंचायत जनताना सरकार’ का प्रमुख था और उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम है. राय ने कहा, ‘ जिन नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ (CRPF) अधिकारियों के सामने हथियार डाला, वे दक्षिण बस्तर में माओवादियों की किस्टाराम, भैरमगढ़, मलांगीर और कटेकल्याण क्षेत्र समितियों का हिस्सा थे.’ उन्होंने बताया कि नक्सली पुलिस के पुनर्वास अभियान ‘लोन वर्राटू’ से प्रभावित हैं तथा माओवादियों की खोखली विचारधारा से निराश हैं.’
सरेंडर करने वालों में 3 नाबालिग शामिल
पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘इन माओवादियों को सड़क खोदने, सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए पेड़ गिराने और नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान पोस्टर और बैनर लगाने का काम सौंपा गया था. उन्हें सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.’ पुलिस के अनुसार आत्मसमर्पण करने वाले 26 नक्सलियों में पांच महिलाएं और दो लड़कियां और एक लड़का शामिल हैं, तीनों की उम्र 17 साल है.
अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही, जून 2020 में शुरू किए गए पुलिस के ‘लोन वर्राटू’ (अपने घर/गांव वापस लौटो) अभियान के तहत अब तक जिले में 717 नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं, जिनमें से 176 के सिर पर नकद इनाम है.