दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा जिले की कटेकल्याण ब्लॉक की सूरनार, टेटम और मारजुम पंचायतों को लाल आतंक का गढ़ माना जाता था. सलवा जुडूम के बाद तो यहां जनता सरकार का बोलबोला रहा, यहां प्रशासन की पहुंच ही नहीं थी. दशकों तक स्वतंत्रता दिवस पर काला झंडा फहरा कर विरोध दर्ज करवाते रहे. पुलिस की कड़ी तपस्या ने अब इन पंचायतों को मुख्यधारा से जोड़ दिया है. माओवाद के गढ़ में काला झंडे को ग्रामीणों ने दरकिनार कर अब तिरंगा लहरा रहे हैं.
गांव के लोग कहते हैं कि सड़क बनने से विकास सरपट दौड़ रहा है. इन पांच-छह वर्षो में दर्जनों माओवादियों ने सरेंडर किया है. कई माओवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इतना ही नहीं इन तीनों पंचायतें कई मुठभेड़ की साक्षी रही है. पुलिस को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है. पुलिस कर्मियों की शहादत के बाद यहां लोकतंत्र बहाल हुआ है. 15 अगस्त को बच्चों ने सूरनार में राष्ट्रगान किया. ग्रामीणों ने भी देश के सबसे बड़े पर्व में बढ़-चढ कर हिस्सा लिया है.