जांजगीर-चांपा जिले में देसी शराब पीने के बाद सेना के जवान समेत 3 लोगों की मौत हो गई. तीनों सोमवार सुबह साथ में बैठकर शराब पी रहे थे. इसके बाद अचानक बेहोश हो गए. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया है. मामला नवागढ़ थाना क्षेत्र के रोगदा गांव का है.
रोगदा निवासी नंदलाल कश्यप(32) भारतीय सेना में टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ था. वो अपनी शादी के चलते घर आया हुआ था. नंदलाल और गांव के परस साहू(53) और सतीश कश्यप(35) ने सोमवार सुबह शराब पीने का फैसला किया था. सुबह 7 बजे के आस-पास ही तीनों ने गांव के ही हरप्रसाद से शराब खरीदी थी.
इसके बाद तीनों ने मिलकर दुर्ग मंदिर के पास में शराब पी और फिर तीनों बेहोश हो गए. आस-पास के लोगों ने तीनों को बेहोशी की हालत में देखकर नवागढ़ CHC ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. परस साहू गांव में किसानी करता था, जबकि सतीश कोरबा के किसी प्लांट में काम करता था.
वहीं सूचना मिलने पर ASP अनिल सोनी मौके पर पहुंचे. नवागढ़ पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इस मामले को लेकर SP विजय अग्रवाल ने कहा है कि शराब पीने के बाद लोगों की मौत हुई है. पुलिस, डॉक्टर और FSL की टीम मौके पर पहुंच गई है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण स्पष्ट हो पाएगा. फिलहाल जांच पड़ताल की जा रही है.
नंदलाल कश्यप की शादी 6 मई को हुई थी. उसने गांव की ही किसी लड़की से शादी की थी. आज घर में भोज का आयोजन किया गया था, जिसकी तैयारी में वह लगा हुआ था. मगर इस बीच शराब पीने के बाद उसकी मौत हो गई है.
उधर, परिजनों ने आरोप लगाया है कि शराब में जहर था, जिसे पीने के बाद तीनों की मौत हुई है. अचानक से ये सब हो गया, कुछ पता ही नहीं चला. वहीं जैसे ही इस बात की सूचना जवान के पिता को मिली, तो उनका रो-रोकर बुरा हाल है. पूरे गांव के लोग अस्पताल के पास पहुंच गए हैं.
गांव में किसी प्रकार का माहौल खराब न हो, ग्रामीण किसी तरह का धरना प्रदर्शन न करें, किसी प्रकार की अन्य घटना न हो, इसे देखते हुए SP ने करीब 200 पुलिस जवानों को गांव के हर गलियों, चौक चौराहों पर तैनात किया है. गांव छावनी में तब्दील हो चुका है.
इस घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. ये शराब जहरीली थी. प्रशासन और सरकार से मांग है कि इसके लिए जिम्मेदार पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से गांव-गांव में अवैध शराब बिक रही है. पूरे छत्तीसगढ़ में ये चल रहा है. प्रदेश में शराब घोटाला हुआ है. ये देश का सबसे बड़ा शराब घोटाला है. मैं मांग करता हूं कि मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख के मुआवजे की घोषणा मुख्यमंत्री को करना चाहिए. हम फिर मांग करते हैं कि सरकार राज्य में शराबबंदी करे.
इधर, भूपेश बघेल ने रविवार को कहा था कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान लोगों को शराब नहीं मिली तो उन्होंने सैनिटाइजर पी लिया. इससे उनकी मौत हो गई. ये देखकर मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं शराबबंदी का आदेश दे दूं. नशा किसी मामले में फायदेमंद नहीं होता है. ये शरीर के लिए और व्यक्तित्व दोनों के लिए नुकसान ही पहुंचाता है.