रायपुर- नवा रायपुर में नियमितिकरण की मांग को लेकर पिछले 22 दिनों से संविदा कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। इन सभी ने सरकारी दफ्तरों में कामकाज बंद कर हड़ताल शुरू कर दी है। संविदा कर्मचारियों की प्रदेश में संख्या 45 हजार है। इन सभी कर्मचारियों पर सरकार ने कार्रवाई का ऐलान कर दिया है।
हजारो संविदा कर्मचारी नियमितिकरण की मांग को लेकर पिछले तीन सप्ताहो से आन्दोलन पर बैठे है कर्मचारी l
कर्मचारी अपने दफ्तरों में काम बंद कर हड़ताल जारी रखा है l
सरकार ने जारी किया आदेश
सरकार की ओर से संविदा पर कार्यरत अधिकारी/ कर्मचारियों की मांगों के संबंध में एक आदेश जारी कर कहा है कि 3 दिनों के भीतर अगर हड़ताल पर गए संविदा कर्मचारी और अधिकारी काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई करते हुए उनके स्थान पर अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी।
एस्मा कानून क्या है ?
एस्मा कानून अधिनियम संसद द्वारा 28 दिसम्बर 1968 में लागू किया गया। यह कानून हङताल को रोकने के लिए बनाया गया था। अगर कोई भी कर्मचारी या अधिकारी किसी भी मुद्दे को लेकर हङताल करता है तो उस पर ’एस्मा कानून’ लगाया जाता है। एस्मा कानून को लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्र या अन्य माध्यमों से सूचित किया जाता है कि आप पर एस्मा कानून लगाया जा रहा है।
🔹 यह कानून लगने के बाद 6 महीने तक लागू रहता है। लेकिन अगर आवश्यकता पङे तो सरकार इसे लम्बे समय के लिए बढ़ा सकती है, हालाँकि एक बार में 6 माह से अधिक का आर्डर नहीं दिया जा सकता। इसके लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हङताल पर जाता है और वह कर्मचारी लोगों को ’अत्यावश्यक सेवा’ प्रदान नहीं करता है या गलत तरीके से लोगों को सेवा प्रदान करता है तो उसे अवैध और दण्डनीय माना जाता है।