रायपुर पुलिस ने बिहार के कोढ़ा गैंग के 4 युवकों को पकड़ा है. इस शातिर गैंग के लुटेरे चेन स्नेचिंग, लूट जैसे अपराधों को अंजाम देने में माहिर थे. इन लुटेरों ने देश के अलग-अलग राज्यों से 24 से अधिक लोगों से चेन स्नेचिंग की थी. फिर ये लुटेरे रायपुर पहुंचे. यहां भी इन्होंने एक ही दिन में 4 लोगों से चेन स्नेचिंग की.
गुपचुप खाती हुई महिला से लेकर पीको-फाल कराने जा रही महिला को टारगेट किया. आरोपियों ने रायपुर के सिविल लाइन, देवेन्द्र नगर और तेलीबांधा क्षेत्र में वारदात को अंजाम दिया था.
*पहली घटना शाम 4.45 बजे*
पहली वारदात सिविल लाइन थाना क्षेत्र में शाम 4.45 बजे की. जहां श्री शिवम में शापिंग करने के बाद प्रार्थी की मां व पत्नी गुपचुप खा रहे थे, कि उसी समय अचानक राजातालाब की ओर से दोपहिया वाहन बजाज पल्सर में सवार दो युवक आए और प्रार्थी की मां के गले में पहने हुए सोने की चेन को खींचकर चोरी कर फरार हो गए.
*दूसरी घटना शाम 7 बजे*
प्रार्थिया अर्चना कर करीबन शाम 7 बजे अपने घर से पिकू फाल कराने के लिए पैदल निकली थी कि संतराम मंदिर के पास पहुंची थी, कि प्रार्थिया के सामने मंडी गेट की ओर से से आए व प्रार्थिया के पास आकर प्रार्थिया के गले मे पहने हुए सोने के चेन को झपट्टा मारकर खीच कर फरार हो गए.
*तीसरी घटना रात 08 बजे*
प्रार्थिया रजनी प्रेमचंदानी ने थाना तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह पति के साथ घर से कटोरा तालाब सिंधी धर्मशाला में आयोजित लेडिस संगीत कार्यक्रम देखने के लिए आटो में बैठकर निकली थी, कि इसी दौरान आटो के पीछे तरफ से एक दोपहिया वाहन में सवार दो अज्ञात व्यक्ति प्रार्थिया के बगल में आकर प्रार्थिया के पहने हुए सोने के मंगलसूत्र को बल पूर्वक खींचकर लूटकर फरार हो गए. आधी चेन वहीं टूट गई. आधी बदमाश लेकर फरार हो गए.
कोढ़ा गिरोह के सदस्य वारदात के समय खुजली वाले पाउडर का अधिक इस्तेमाल करते हैं. यह अपने शिकार पर खुजली वाले पाउडर फेंक कर उनका रुपयों से लूट कर बाइक पर सवार होकर भाग जाते हैं. भागने में इसकी दूसरे साथी ही मदद करते हैं. विशेष परिस्थिति में जब अपराधी चारों तरफ भीड़ से घिर जाते हैं तो हथियार का इस्तेमाल भीड़ को डराने-धमकाने में करते हैं.
कटिहार जिले का कोढ़ा गिरोह झारखंड और बिहार में सक्रिय है. झारखंड और बिहार में यह सबसे ज्यादा घटनाओं को अंजाम देते हैं. कटिहार जिले में जुड़ाबगंज नामक एक गांव है जो कटिहार जिले के कोढ़ा प्रखंड में पड़ता है. यहां के ज्यादा लोग घुमंतू जीवन व्यतीत करते थे.
ठीक से भरण-पोषण नहीं होने के कारण गांव के परिवार लूट और छिनतइ जैसी घटनाओं में शामिल होने लगे. ऐसे में इनके गिरोह में अपराधियों की संख्या बढ़ती चली गई. बकायदा इन लोगों का किसी सुनसान जगह पर आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.