विश्रामपुर के बंद पड़े SECL के पोखरी में नहाने गए दो बच्चियों की डूबने से मौत हो गई. विश्रामपुर के रेलवे स्टेशन के पास फोकट पारा में रहने वाली शकीबा अपने तीन बच्चों के साथ रहती थी और भीख मांग कर परिवार का गुजर-बसर करती थी. इसी काम को लेकर वह अंबिकापुर गई हुई थी. उसके तीनों बच्चे घर में थे, बुधवार वह घर आई और अपने बच्चों को ढूंढने लगी.
कुछ देर के बाद उसका छोटा लड़का ने बताया कि वह नहाने गए हुए हैं, जब पोखरी के पास पहुंचे तो चप्पल दिखा. इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. सूचना के बाद नगर सेना और पुलिस टीम ने 3 घंटे के रेस्क्यू अभियान के बाद दोनों बच्चों को बाहर निकाला. तब तक दोनों बच्चियों की मौत हो गई थी.
बुधवार को फिर SECL की लापरवाही के कारण दो मासूम बच्चों की जान चली गई. इससे पहले भी SECL के बंद बड़े पोखरी में कई लोगों की जान जा चुकी हैं. लगातार जब बंद पड़े पोखरी में लोगों की जान जा रही है. फिर भी इस पोखरी को पाटा नहीं किया जा रहा है. लोगों को जाने के लिए और रोकने के लिए कोई गार्ड भी तैनात नहीं किया गया है.
गर्मी के दिनों में ऐसी घटना ज्यादा होती हैं. इस मौसम में SECL प्रशासन को लोगों को जागरूक करने के लिए कोई कदम उठाना होगा.
अब इस पूरे मामले में क्षेत्रीय विधायक और संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े का कहना है कि प्रशासन और SECL से बात कर बंद पड़े पोखरी को व्यवस्थित किया जाएगा, जिससे किसी तरह की जनहानि ना हो सके. वहीं पुलिस विभाग के द्वारा भी कई बार SECL को पोखरी को लेकर लेटर जारी किया गया है.