₹1.5 करोड़ के इनामी नक्सली आनंद उर्फ कटकम सुदर्शन की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि, पिछले कई महीनों से शुगर, बीपी, समेत अन्य बीमारियों से जूझ रहा था. इलाज के अभाव में 69 साल की उम्र में 31 मई की दोपहर 12:20 को इसने दम तोड़ दिया है. नक्सल संगठन के सदस्यों ने दंडकारण्य के जंगल में शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया है. अब 5 जून से 3 अगस्त तक पूरे देश में नक्सल संगठन में आनंद की याद में सभा का आयोजन किया जाएगा. सुदर्शन साल 2011 में हुए दंतेवाड़ा हमले का मास्टरमाइंट था, नरसंहार में 70 जवान शहीद हुए थे.
नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने प्रेस नोट और आनंद के शव की तस्वीर जारी की है. अभय ने बताया कि, बेलमपल्ली में आनंद जा जन्म हुआ था. पिछले 5 दशक से नक्सल संगठन का सदस्य था. इसने केंद्रीय कमेटी से लेकर आंध्र-तेलंगाना, CG, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में नक्सल संगठन की जिम्मेदारी संभाली थी. नक्सल संगठन को मजबूती देने, संगठन का विस्तार करवाने में माहिर था. इसकी मौत से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है.
नक्सलबाड़ी, श्रीकाकुलम संघर्ष के बाद नक्सलियों की जो पहली पीढ़ी चर्चा में आई थी उस समय का यह सबसे बड़ा लीडर निकल कर सामने आया था. तब से लेकर अब तक लगभग 50 सालों तक नक्सल संगठन में सक्रिय रहा. सिंगरेणी, उत्तर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश दंडकारण्य इलाकों में काम किया था. अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने इस पर लाखों रुपए का इनाम घोषित किया था.
नक्सली सुदर्शन साल 2011 को दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है. इस अटैक में CRPF के 70 जवान शहीद हुए हो गए. उसे गुरिल्ला युद्ध का रणनीतिकार भी कहा जाता है. उसकी पत्नी साधना भी नक्सली थी. कई वर्ष पहले पुलिस-नक्सली एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई थी.