शहर के एक स्कूल में एनुअल फंक्शन का आयोजित किया गया था। यहां चीफ गेस्ट पूर्व क्रिकेटर कपिल देव थे। उन्हें आमंत्रित करने के लिए जब छात्रा सांस्कृति इंट्रोडक्शन दे रही थीं, तब कपिल ने उसे रोका। उन्होंने बड़े ही अच्छे से इंट्रोडक्शन रोकने के लिए माफी मांगी और अपनी चेयर में छात्रा को बैठने के लिए कहा। कहने लगे-आप जैसे होनहार बच्चे देश के लिए गौरव हैं। अगर आप नर्वस फील कर रहीं हैं तो मैं आपसे एक बात करता हूं। आप बहुत वंडरफुल हैं। इस तरह कपिल ने सांस्कृति को खुद से कनेक्ट किया। बातचीत शुरू करते हुए छात्रों से कहा कि जब तक जिंदा रहेंगे एजुकेशन आपके साथ रहेगी। एक हद तक खेल जरूरी है लेकिन पढ़ाई से ज्यादा नहीं।
मेरे मां-बाप कहा करते थे पढ़ो। जबकि मेरा बिल्कुल भी मन नहीं था। उस समय हमारे टीचर मारते ज्यादा थे। आजकल आपके टीचर मारते नहीं हैं। हमारे टीचर तो पहले मारते थे फिर पूृछते थे कि होमवर्क किया कि नहीं। इसलिए मैं कहता हूं कि स्कूल एक ऐसी जगह है जहां आप मजे कर सकते हो। मजे के साथ आपको नॉलेज मिल रहा है तो इससे बड़ी और क्या बात हो सकती है। मैं यह भी नहीं कहूंगा कि नंबर 1 आओ। जरूर आओ। एंजॉय करते हुए आना और थप्पड़ खाके आना दोनों अलग-अलग चीज है। आप जरूर खेलो। इससे आपकी सेहत अच्छी रहेगी बल्कि देेश के लिए भी फायदेमंद रहेंगे। कपिल ने कहा कि एनिमल्स से प्यार करें। उन्हें कभी नुक्सान ना पहुचाएं। लाइफ में ऑनेस्टी को फॉलो करें। कार्यक्रम के आखिर में जिस छात्रा ने उनका इंट्रोडक्शन दिया था उनसे कहा कि, आप जब भी किसी अच्छे मुकाम पर पहुंचेंगी मुझे जरूर बुलाना। अंत में दुआओं में याद रखना कहते हुए अपनी बात खत्म की।
कपिल ने बच्चो को पढ़ो, नॉलेज प्राप्त करो, नंबर नहीं यह सिख दी। आप छोटी उम्र में समझ नहीं पाते कि पढ़ाई कितनी जरूरी है। ये आपके पैरेंट्स समझते हैं। वे आपको शिक्षित करना चाहते हैं। अगर आप पैरेंट्स और टीचर्स की सुनोगे तो कोई गलत बात नहीं है। पैरेंट्स और टीचर्स को अपना दोस्त बनाओगे तो जिंदगी कामयाब होगी। आपके मां-बाप कितनी मेहनत करके बड़े स्कूलों में पढ़ाई कराते हैं। इसलिए उनकी रेस्पेक्ट और हमेशा अचे से मन लगाकर पढ़ो।