डीडी नगर थाना क्षेत्र के सुंदर नगर से वालपेपर सप्लाई का काम करने वाले कारोबारी सिद्धार्थ आशटकर का अपहरण का मुख्य आरोपित पुराना किराएदार निकला. पुलिस ने आरोपित अंकित मिश्रा और राज तोमर को गिरफ्तार किया है. आरोपित मूलत: जहांगीर कटरा लोहामंडी थाना किलागेट ग्वालियर मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं. अंकित 5 वर्ष तक सिद्धार्थ के घर में किराए से रहा है. दो माह से वह अम्लेश्वर दुर्ग में किराए का मकाल लेकर रह रहा था. आरोपित ने ड्राइवर और ग्वालियर के अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर सिद्धार्थ का अपहरण करके ₹1 करोड़ की फिरौती मांगी थी. तीन आरोपित अब भी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश में जुटी है.
2 जून को सिद्धार्थ के अपहरण के बाद आरोपितों का CCTV पुलिस के हाथ लग गया था. वारदात के वक्त अंकित घटनास्थल से कुछ दूरी पर था. वह लगातार अन्य साथियों को यहां की जानकारी दे रहा था. जब उसने बताया कि CCTV मिल गया और गाड़ी के बारे में पुलिस को पता चल चुका है तो वह सिद्धार्थ को कवर्धा जिले के दशरंगपुर के पास छोड़कर फरार हो गए थे. इधर पुलिस ने फुटेज और गाड़ी नंबर के आधार पर गाड़ी मालिक से संपर्क किया, तो अंकित का नाम सामने आया. गाड़ी मालिक से मिले पते के आधार पर पुलिस अम्लेश्वर पहुंची और अंकित व उसके ड्राइवर राज को पकड़ा. पुलिस को लगातार गुमराह कर रहे थे, सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपितों ने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर गुनाह करना स्वीकार किया.
कारोबारी सिद्धार्थ और आरोपित अंकित पूर्व परीचित थे. सिद्धार्थ बाइक राइडिंग गैंग का सदस्य भी है. उसे बाइक खरीदनी थी. उसने पिता से पैसे मांगे थे लेकिन पिता ने देने से मना कर दिया था. सिद्धार्थ ने लगभग 6 माह पूर्व अंकित के सामने कहा था कि अगर कोई मेरा अपहरण कर ले तो पिता गाड़ी के लिए पैसे दे देंगे. उन पैसों को सभी को बांटकर मैं गाड़ी ले लूंगा. हालांकि सिद्धार्थ ने पुलिस को कहा कि यह बात उसने मजाक में कही थी, उसी बात को अंकित ने अपने दिमाग में बैठाई और अपहरण की योजना बना दी.
पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपित अंकित मिश्रा ने बताया, कि वो बीते एक माह से सिद्धार्थ के अपहरण की योजना बना रहे थे. अंकित ने शहर के बाहर निकलने वाले रास्तों की रेकी भी की थी. घटना के एक दिन पहले ग्वालियर से सभी आरोपित किराए की गाड़ी से रायपुर पहुंचे थे. घटना की रात आरोपित दुकान में वाल पेपर के बहाने घुसे और सिद्धार्थ से मारपीट की और उसे जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर फरार हो गए. आरोपित राज पचपेड़ी नाका के पास गाड़ी से उतरा और उसके अन्य आरोपित साथी सिद्धार्थ को लेकर आगे बढ़ गए.
घटना के बाद से अंकित लगातार पुलिस और स्वजनों की गतिविधियों पर नजर रखा था. अंकित मिश्रा लगभग विगत 5 वर्षाें से सिद्धार्थ आशटकर के डंगनिया डीडी नगर रायपुर स्थित किराए के मकान में रहता था जो वर्तमान में जिला दुर्ग के अम्लेश्वर स्थित दुर्गानगर में विगत दो माह से निवासरत है. आरोपित अंकित मिश्रा अपने साथी राज तोमर जो मूलतः ग्वालियर एवं मुरैना का निवासी है जो उसके पास हमेशा रायपुर आता-जाता था. वर्तमान में कमल विहार रायपुर में किराए के मकान में रह रहा था. आरोपित अंकित मिश्रा सिद्धार्थ आशटकर के पिता द्वारा हाल ही में निर्मित कराया गया करोड़ों रुपये कीमत के मकान को देखकर एवं उसके पास बहुत पैसा है सोचकर अपने साथी आरोपित राज तोमर के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई. राज पूर्व में भी ग्वालियर और मुरैना में हत्या का प्रयास, मारपीट, आगजनी सहित अन्य आधा दर्जन से अधिक मामलों में जेल जा चुका है.
रायपुर एएसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी ने इस पूरे मामले में बताया कि अपहरण की पूरी साजिश अंकित मिश्रा ने साजिश रची थी. आरोपित ने अपने ड्राइवर और अन्य साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया था. अंकित 5 वर्ष तक सिद्धार्थ के घर किराए में रहा है जिस वजह से सारी चीजें उसे पता थी. पुलिस ने CCTV फुटेज और गाड़ी नंबर के आधार पर आरोपितों की पतासाजी कर पकड़ा. फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है.