दंडकारण्य के जंगलों में डेरा डाले नक्सलियों के मास्टरमाइंड पर अब मास्टर स्ट्रोक की तैयारी की जा रही है. केंद्र सरकार के निर्देश पर पांच राज्यों छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र व तेलंगाना की संयुक्त टुकड़ियां नक्सल कमांडरों के गुप्त ठिकानों पर हमला करने की तैयारी में हैं. ऑपरेशन मानसून के तहत बरसात में इनके ठिकानों पर चौतरफा हमला करने की रणनीति बनाई गई है. ज्ञात हो नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी व पाेलित ब्यूरो के सदस्यों का ठिकाना बस्तर के जंगल में ही है.
गणपति, वसव राजू, देवजी, रामचंद्र रेड्डी, के सत्यनारायण रेड्डी, सुजाता आदि नक्सल लीडर कड़ी सुरक्षा घेरे में दुर्गम जंगलों में रहते हैं. इन्हें नक्सली थिंक टैंक माना जाता है. ये सभी नक्सली बुज़ुर्ग हो चुके हैं इसलिए लगातार एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं हो पा रहे हैं. इनकी सुरक्षा के लिए नक्सली ड्रोन का प्रयोग कर रहे हैं. जहां ये नक्सली रहते हैं उसके आसपास के क्षेत्र में हर एक घंटे में ड्रोन उड़ाया जाता है ताकि सुरक्षा बलों के आगमन का पता चल सके. फोर्स नक्सलियों के ड्रोन पर नजर बनाए हुए है.
वारंगल में नक्सलियों के स्टेट जोनल कमेटी के सदस्य नंदू उर्फ मासा ने आत्मसमर्पण के बाद पुलिस अधिकारियों को बताया था कि नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी व सीआरबी सदस्य व अन्य बड़े नक्सलियों की सुरक्षा में नक्सलियों के लड़ाकू दस्ता CRB वन के सदस्य तैनात किए गए हैं, जो गुरिल्ला युद्ध में सबसे दक्ष माने जाते हैं. इनके सुरक्षा घेरे के अंदर ही ये बड़े नक्सली चलते हैं. बड़े नक्सलियों के साथ चल रही तकनीकी दल में अब ड्रोन के विशेषज्ञ भी नियुक्त किए गए हैं. नक्सलियों के PLGA बटालियन नंबर एक के कमांडर हिड़मा के तकनीकी टीम के कम्युनिकेशन विंग के कमांडर संतोष को ड्रोन के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है. संतोष ड्रोन तकनीक का विशेषज्ञ है. नक्सल कैंप के पांच किमी के दायरे में हर एक घंटे के अंतराल में इन ड्रोन को उड़ाया जाता है, ताकि जंगल में फोर्स की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.
बस्तर IG सुंदरराज पी. ने बताया कि दंडकारण्य में नक्सलियों के सुरक्षित क्षेत्र में पिछले तीन-चार वर्ष में दर्जनों सुरक्षा बल के नए कैंप स्थापित किए गए हैं, जहां से अब मानसून काल में भी ऑपरेशन के लिए सुरक्षा बल तैयार है. इसके लिए फोर्स मानिसक व शारीरिक तौर पर विशेष प्रशिक्षित है. आगामी कुछ महीने में पड़ोसी राज्यों के समन्वय से नक्सलियों के विरुद्ध ऑपरेशन तेज किए जा सकते हैं. नक्सली ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं, पर इनसे निपटने सुरक्षा बल तैयार है.
- नम्बल्ला केशव राव उर्फ गगन्ना, आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियानपेता का रहने वाला है. CPI माओवादी पाेलित ब्यूरो सचिव रमन्ना की मौत के बाद 68 वर्षीय गगन्ना को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है. उस पर ₹1 करोड़ का इनाम है.
- सेंट्रल कमेटी व CRB सदस्य मोपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति पुत्र अल्लूरी भुजान राव करीमनगर तेलंगाना का रहने वाला है. 73 वर्षीय गणपति के माड़-महाराष्ट्र सीमा पर उपस्थिति की सूचना है. उस पर ₹1 करोड़ का इनाम है.
- मलोज्जला वेनुगोपाल उर्फ भूपति पुत्र वैंकैया तेलंगाना के करीमनगर जिले के पेदापल्ली का रहने वाला है. वह पोलित ब्यूरो, सेंट्रल कमेटी व सीआरबी सदस्य है. उस पर ₹1 करोड़ का इनाम है.
- कादरी सत्यनारायण रेड्डी उर्फ कोसा पिता कृष्णा रेड्डी तेलंगाना के करीमनगर जिले के गोपालराव पल्ली का रहने वाला है. 64 वर्षीय कोसा के माड़ क्षेत्र में उपस्थित होने की सूचना है. सेंट्रल कमेटी सदस्य, सीआरबी सदस्य होने के साथ ही वह आरपीसी का प्रभारी है. उस पर ₹40 लाख का इनाम है.
- चिप्पारी तिरुपति उर्फ देवजी पुत्र वेंकेटश्वरीया तेलंगाना के करीमनगर जिले के कोरुटोला का रहने वाला है. 63 वर्षीय देवजी के बीजापुर-सुकमा सीमा पर उपस्थिति की सूचना है. वह पोलित ब्यूरो, सेंट्रल कमेटी व CRB सदस्य होने के साथ दरभा डिवीजन की कमान भी संभाल रखा है. झीरम घाटी, टेकुलगुड़ेम के साथ ही हाल में हुए अरनपुर हमले का भी वह मास्टरमांइड बताया जा रहा है. उस पर ₹40 लाख का इनाम है.
- दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य गणेश उईके उर्फ पक्का हनुमंतू तेलंगाना के नालगुंडा का रहने वाला है. इंद्रावती और अबूझमाड़ के क्षेत्र में वह सक्रिय है. बस्तर में बड़ी नक्सली घटनाओं में सम्मिलित रहे गणेश काे लंबे समय से सुरक्षा बल को तलाश है. इस कुख्यात नक्सली को कई बार घेरने की कोशिश की गई पर यह बच निकलने में सफल रहा। DKSZCM प्रभारी होने के साथ ही वह वेस्ट बस्तर डिवीजन व SSZB का भी प्रभारी है. उस पर ₹40 लाख का इनाम है.
- कुख्यात नक्सली गणपति की पत्नी अल्लूरी कृष्णा उर्फ रतनाबाई तेलंगाना के मेहबूब नगर जिले के बुदरापुपेटा गांव की रहने वाली है. 65 वर्षीय सुजाता माड़ डिवीजन की प्रभारी है. उस पर ₹25 लाख का इनाम है.
- धमतरी और ओडिशा के सीमा क्षेत्र में सक्रिय नक्सली प्रमोद मिश्रा बिहार के औरंगाबाद के रहने वाला है. वह सेंट्रल कमेटी सदस्य और CRB सदस्य हैं. बन बिहारी, बीबी, नेताजी और डाक्टर के नाम से भी इसे जाना जाता है. इस पर ₹40 लाख का इनाम है.
- कुख्यात नक्सली किशनजी की पत्नी पदमा उर्फ सुजाता तेलंगाना के मेहबूब नगर के पेन्वीकलापेठ की रहने वाला है. करीब 65 वर्षीय सुजाता दक्षिण बस्तर डिवीजन की प्रभारी है. उस पर ₹25 लाख का इनाम है.
- के रामचंद्र रेड्डी उर्फ गुडसा उसेंडी, तेलंगाना के करीमनगर जिले के तिगलागुट्टा का रहने वाला है. वह पूर्वी बस्तर डिवीजन का प्रभारी है. उस पर ₹25 लाख का इनाम है.