किरंदुल-कोत्तावालसा रेलमार्ग सोमवार दोपहर को बहाल हो गया लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. इसे देखते हुए किरंदुल-विशाखापटनम के बीच चलने वाली दोनों यात्री ट्रेनों को और दो दिन रद रखा जाएगा. मालगाड़ियों का आवागमन शुरू कर दिया गया है, लेकिन घटनास्थल अरकू रेलखंड के करकवालसा और बोर्रागुहालु के बीच ट्रेनों की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक नहीं होगी.
ज्ञात हो कि सोमवार शाम को इस रेललाइन पर आंधप्रदेश स्थित अरकू रेलखंड में इन दोनों स्टेशनों के बीच पहाड़ों से चट्टानाेें के टूटकर पटरी पर गिरने से मार्ग बाधित हो गया था. रेललाइन और ओवर हेड इलेक्ट्रिक सिस्टम को भी काफी नुकसान पहुंचा था.
घटना की जानकारी मिलते ही वाल्टेयर रेलमंडल के प्रबंधक अनूप सतपथी अधिकारियों के साथ रात में ही घटनास्थल पहुंच गए थे. लगभग 200 अधिकारी-कर्मचारी मार्ग बहाल करने के मिशन पर लगाए गए थे. रात भी चट्टानों को हटाने और क्षतिग्रस्त विद्युत लाइन को सुधारने का काम चला.
मंगलवार दोपहर 12 बजे मार्ग बहाल करने में सफलता मिली. इस क्षेत्र में पूरे घाट सेक्शन में जांच का काम चल रहा है. इसके लिए 13 जुलाई तक किरंदुल-विशाखापटनम पैसेंजर स्पेशल ट्रेन और नाइट एक्सप्रेस दोनों गाड़ियों को रद कर दिया गया है. सब कुछ सही रहा तो 14 जुलाई से यात्री ट्रेनों का आवागमन बहाल कर दिया जाएगा.
रेलमार्ग पर चट्टानाें के गिरने की घटना की प्रारंभिक जांच में रेललाइन दोहरीकरण के लिए पहाड़ों को काटकर रास्ता बनाने किए जा रहे ब्लास्ट को कारण माना गया है. बताया गया कि पहाड़ों को काटने के लिए ब्लास्ट किए जा रहे हैं इससे पहाड़ों में ढ़लान वाले क्षेत्र में कहीं-कहीं चट्टानें ढ़ीली हो गई हैं और दरारें भी आ गई हैं. बरसात के कारण चट्टान खिसकर पटरी पर गिरी थी.
ज्ञात हो कि केके रेललाइन का दोहरीकरण कार्य चल रहा है. इस रेललाइन में ओड़िशा और आंध्रप्रदेश में जैपुुर से बोड्डावारा के बीच अनंतगिरी घाट में लगभग 125 किलोमीटर की रेललाइन घाट सेक्शन में पहाड़ों और सुरंगपथ से होकर गुजरती है. बरसात के दिनों में यहां लैंड स्लाइडिंग का खतरा बढ़ जाता है.