केंद्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ की 12 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिया है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ भाजपा आदिवासी वोटरों को साधने में जुट गई है. प्रदेश भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने विधानसभा चुनाव से पहले इन 12 जनजातियों के गांवों तक पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह का आभार प्रकट करने का कार्यक्रम बनाया है. इसके तहत बूथ स्तर पर दिवाली से पहले ही भाजपा दीये जलाकर, मिठाई बांटकर और पटाखे फोड़कर केंद्र सरकार का आभार प्रकट करेगी.
पार्टी सूत्रों की माने तो भाजपा तीन बड़े कार्यक्रम करने वाली है. इसमें रायगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी को आभार प्रकट किया जाएगा. महासमुंद के सरायपाली और सरगुजा संभाग के अंबिकापुर में प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा को बुलाने की तैयारी है. भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि दशकों से अपने अधिकारों से वंचित छत्तीसगढ़ की 12 जनजातियों को मोदी सरकार ने बड़ी सौगात दी है. इस बात को मोर्चा गांव-गांव तक पहुंचाएगा. कार्यकर्ता लोगों को बताएंगे कि इस विषय को आगे बढ़ाते हुए भाजपा ने किस तरह से विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा में पारित करवाने में भूमिका निभाई. साथ ही मोदी सरकार ने उसे कानून का जामा पहनाया.
छत्तीसगढ़ की आबादी पौने तीन करोड़ से ज्यादा है. इनमें 1.96 करोड़ से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं. इनमें 34% आदिवासी मतदाता हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कुल 90 सीटों में ST के लिए 29 सीटें आरक्षित हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 27 आदिवासी सीटों पर जीत हासिल की थी. लोकसभा में 11 सीटों में से 4 सीटें आरक्षित हैं. बस्तर, कांकेर, रायगढ़ और सरगुजा लोकसभा सीट ST के लिए आरक्षित हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ बस्तर लोकसभा सीट में जीत दर्ज की थी जबकि तीन सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी. विधानसभा की 29 आदिवासी सीटों के अलावा अन्य 17 सीटें हैं जहां 20% आदिवासी निवासरत हैं. सबसे अधिक बस्तर संभाग में 12 सीटें हैं जहां सभी सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. इन विधानसभा तक भाजपा इस संदेश को पहुंचाने के लिए काम करेगी.
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र व विशेष पिछड़ी जनजातियाें को अनुसूचित जनजाति का पीढ़ियों से अधिकार व लाभ नहीं मिलना सबसे बड़ी विसंगति थी. अब प्रदेश की भारिया भूमिया के समानार्थी भूईया, भूईयां, भूयां, धनवार के समानार्थी धनुहार धनुवार, नगेसिया, नागासिया के समानार्थी किसान, सावर, सवरा के समानार्थी सौंरा, संवरा, धांगड़ के साथ प्रतिस्थापित करते हुए सुधार, बिंझिया, कोडाकू के साथ साथ कोड़ाकू, कोंध के साथ-साथ कोंद, भरिया, भारिया, पंडो, पण्डो, पन्डो को जनजाति वर्ग में शामिल किया गया है. इससे करीब 10 लाख जनजातियों को फायदा मिलेगा.