छत्तीसगढ़ राज्य की वैशाली नगर विधानसभा सीट विधायक विद्यारतन भसीन के स्वर्गवास के बाद से खाली है. अब इस सीट से दावेदारी के लिए भाजपा नेता अपने-अपने तरीके से चाल चल रहे हैं. कुछ गुटों ने अपने आका का नाम आगे करने के लिए सोशल मीडिया में वोटिंग वार करना शुरू कर दिया है. इसे लेकर पार्टी में विरोध हो रहा है. कुछ नेताओं का कहना है कि इसको लेकर FIR दर्ज होनी चाहिए.
वैशाली नगर विधानसभा से दावेदारी के लिए भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया वार शुरू कर दिया है. विधानसभा क्षेत्र में एक नहीं तीन अलग अलग ऑनलाइन वोटिंग के लिए लिंक वायरल किए जा रहे हैं. हालत यह हो गई है कि बड़े नेताओं के चमचे एक दूसरे को फोन करके लिंक भेज रहे हैं और अपने आका के नाम पर वोटिंग करने को कह रहे हैं. हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया ने इसे फेक सर्वे बताते हुए इस बारे में कोई भी जानकारी होने से मना किया है. इसे लेकर पार्टी में तगड़ी खींचतान शुरू हो गई है. सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस वोटिंग सर्वे को लेकर कई नेताओं ने FIR कराने तक की मांग कर दी है. जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ये अपने नेता को प्रोजेक्ट करने का घटिया षड़यंत्र है.
एक नेता ने वोटिंग सर्वे बनाया, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि विधानसभा चुनाव साल 2023 में होंगे. उसने वैशाली नगर भाजपा के प्रत्याशी के रूप में आप 2024 में किसको देखना चाहेंगे. इसे लेकर सोशल मीडिया ग्रुप में जमकर खिल्ली उड़ाई गई.
एक अन्य सर्वे में वैशाली नगर भाजपा के प्रत्याशी के रूप में आप 2023 में किसको देखना चाहेंगे. इस हेडिंग से वोटिंग कराई जा रही है. इस सर्वे में कई नए चेहरों का नाम दिया गया है. भाजपा नेताओं का कहना है कोई पिता की सहानुभूति के बल पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है, तो कोई अपने धन और वैभव को भनाने में लगा है, इसीलिए वो अपने चमचों से अपने नाम का सर्वे करा रहे हैं.
वोटिंग की बात फैलते ही विधानसभा क्षेत्र में एक तीसरा वोटिंग सर्वे भी शुरू हो गया है. इसमें कई बड़े नेताओं के नाम हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि दूसरे सर्वे में उनके नाम नहीं डाले गए थे. अब ये वोटिंग का ऑनलाइन लिंक कौन वायरल कर रहा है. ये किसके निर्देश पर हो रहा है. इस बारे सभी लोग अनजान बन रहे हैं.
भिलाई नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रिकेश सेन ने कहा कि पार्टी के सर्वे गुप्त रूप से होते हैं. पार्टी किसी से पूछ कर सर्वे नहीं कराती है. कुछ स्वयं भू नेता हैं जो अपने नाम को आगे करने के लिए ऐसा फेक सर्वे करा रहे हैं. यह पार्टी गाइडलाइन के खिलाफ है. इस पर FIR दर्ज कर ऐसा करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.