बस्तर क्षेत्र के युवा कलाकर गुजराल सिंह बघेल ने राष्ट्रीय स्पर्धा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. गुजराल सिंह बघेल के पेटिंग को ट्राइबल आर्ट कैटगरी में देश में पहला स्थान मिला है. सुधीर अग्रवाल, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने राज्य मंत्री, पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय अश्विनी कुमार चौबे के हाथों पुरस्कार ग्रहण किया. कलाकार गुजराल सिंह बघेल ने पेंटिंग के बारे में बताया कि वर्ली आर्ट में उन्होंने यह पेंटिंग बनाई है. जिसमें बाघों को लेकर बस्तर अंचल की लोकसंस्कृति और लोकपंरपरा काे दर्शाया गया है.
चित्र में टाइगर बाय कहे जाने वाले चेंदरू के माध्यम से उन्होंने संदेश दिया है कि जानवर कितना भी खतरनाक क्यों न हो उनके प्रति प्यार से बर्ताव किया जाए तो साथ मिल जुलकर रह सकते हैं. लोग गुड़ी माता के रूप में पेड़ पौधों की पूजा कर रहे हैं. देवताओं के रूप में प्रकृति को पूजा जा रहा है. कलाकर गुजराल सिंह बघेल ने बताया कि कुछ लोग खानापूर्ति के लिए बेजुबान बाघों का शिकार कर रहे हैं. बस्तर में पहले बाघों की संख्या अधिक थी लेकिन लगातार शिकार होने के कारण उनकी संख्या घटती जा रही है.
29 वर्षीय गुजराल सिंह बघेल जगदलपुर के रहने वाले हैं. स्कूल की पढ़ाई की स्थानीय स्तर पर होने के बाद रायपुर के कलिंगा विश्वविद्यालय से उन्होंने सिविल में इंजीनियरिंग की. उन्होंने बताया कि वे बचपन से शौकिया तौर पर पेंटिंग बना रहे हैं. अच्छी पेंटिंग बनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहन भी मिला. पढ़ाई पूरी होने के बाद वे नौकरी की तैयारी के साथ अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए पेंटिंग पर भी ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
ग्लोबल टाइगर-डे के अवसर पर शनिवार को जिम कार्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड में बाघ संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता और इको डेवलपमेंट कमेटी आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के तीनों टाइगर रिजर्व द्वारा लगाये गए स्टॉलों को देश भर के लोगों ने सराहा. अचानकमार टाइगर रिजर्व अंतर्गत संचालित मैकल शहद सोसायटी (बोइराहा) का वाइल्ड रा हनी, गरिमा मंच (गनियारी) के जैविक उत्पाद, छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के उत्पाद ने लोगों का ध्यान खींचा और इसके बारे में जानने के लिए वन प्रेमियों में उत्सुकता दिखी.
ग्लोबल टाइगर-डे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) व चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन सुधीर अग्रवाल, अचानकमार टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एस. जगदीशन, इंद्रावती टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर आरके चंदकमल, तीनों टाइगर रिजर्व से स्व-सहायता समूह/इको डेवलपमेंट कमेटी के सदस्य सहित अन्य वन विभाग के अधिकारी शामिल हुए.