चार दिन पहले बीजापुर जिले में भारी बारिश से चौतरफा बाढ़ के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है. गुरुवार की रात बाढ़ ने उसूर ब्लॉक के धर्माराम गांव के दो दर्जन घरों को अपने जद में लेकर काफी तबाही मचाई है. घरों के डूबने से ग्रामीण दूसरे जगह पर शरण लिए हुए हैं. गांव की ही एक बुजुर्ग महिला की बीमारी के चलते मौत हो गई. मिली जानकारी के मुताबिक उसूर ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसे पामेड़ से लगे धर्मारम गांव के सरपंच पारा में 25 घर बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. अब इन घरों के ग्रामीण बचे खुचे सामानों को लेकर पास के पटेलपारा में शरण लिए हुए हैं. गांव के चारों ओर पानी भरा होने से मार्ग अवरुद्ध है. इसके चलते ग्रामीणों तक राहत नहीं पहुंच पा रहा हैं.
उसूर तहसीलदार फानेशवर सोम ने बताया कि उनके पास भी वीडियो व फोटोग्राफ के माध्यम से धर्माराम गांव के दो दर्जन घरों के डूबने की जानकारी मिली है. उन्होंने बताया कि चिंतावागु व तालपेरू नदी में बाढ़ आने से वहां के बैक वॉटर से धर्माराम गांव में पानी घुसा और वहां के घरों को नुकसान पहुंचा. तहसीलदार ने बताया कि सभी तरफ से रास्ते बंद होने की वजह से वहां पहुंचा नहीं जा सका है. उन्होंने बताया कि सहायतार्थ टीम को पामेड़ से होकर धर्माराम भेजा जा रहा है. वही धर्माराम ग्राम पंचायत के सचिव केजी राजकुमार ने बताया कि धर्माराम के सरपंच पारा व पूजारीपारा में गुरुवार को तालपेरु व चिंतावागु के बाढ़ का पानी घरों में घुस जाने से वहां के 25 मकानों के डूबने से क्षति हुई है.
सचिव राजकुमार ने बताया कि धर्माराम में 164 मकान हैं. वहां की जनसंख्या 557 है. सचिव ने बताया कि सरपंच पारा के बाढ़ प्रभावित ग्रामीण पटेलपारा में रुके हुए हैं. उन्होंने आगे बताया कि धर्माराम गांव की ही एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला गुंडी मल्ली पति रमैया की भी बाढ़ में फंसने से मौत हुई है. गांव में बाढ़ आने से बीमार महिला समय पर अस्पताल नही पहुंच सकी और उसकी मौत हो गई. सचिव ने बताया कि धर्माराम से लगे चिंतावागु, तालपेरु व छोटा नाला पड़ती है. अभी ये तीनो ही जगहों पर पानी भरा हुआ है, जिसके चलते धर्माराम तक पहुंच पाना मुश्किल है. पानी उतरने के बाद प्रभावित गांव पहुंचा जा सकेगा.
धर्माराम गांव के जिस सरपंच पारा व पुजारी पारा में बाढ़ के पानी ने तबाही मचा कर ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंचा है. उनमें गुंडी कन्ना, गुंडी रामा, गोंडी कोंडइया, गुंडी लक्षमैया, गुंडी रमेश, गुंडी बुचैया, गुंडी भीमा, गुंडी सायन्ना, कारम वेंकट, कारम नागेश, कारम गुञ्जा, कारम पुल्ला, कारम सावेश, कारम मुत्ता, कारम कामा, कारम कन्ना, कारम हनुमन्त, कारम दिनेश, कारम रामा, पुनेम समैया, वेलकम लक्षमैया, वेलकम शामूर्ती, वेलकम लच्छा, गुंडी नरसिंग राव व गुंडी रामा शामिल हैं. इनमें गुंडी कन्ना के सबसे ज्यादा नुकसान होने की खबर है.
उसूर ब्लाक के दर्जनों गांवों में सड़क के अभाव के साथ संचार एंव विद्युत व्यवस्था भी बंद है. क्षेत्र के लोगों की परेशानियां बढ़ गई है. यह इलाका नक्सलगढ़ कहलाने के कारण सड़क बिजली पानी सहित मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई है.