बिलासपुर में एयरपोर्ट के विस्तार के लिए राज्य सरकार ने सेना की जमीन वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है. जमीन के एवज में रक्षा मंत्रालय को 90 करोड़ रुपए मुआवजा दे दिया गया है. अब केंद्र सरकार से जमीन वापसी के लिए औपचारिक सहमति देना बाकी है, जिसके बाद एयरपोर्ट का विकास 4सी कैटेगरी के लिए होगा. इधर कलेक्टर ने एयरपोर्ट में चल रहे टर्मिनल बिल्डिंग के काम का जायजा लिया और अफसरों से जानकारी लेकर निर्माण जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.
बिलासा देवी केंवटिंन एयरपोर्ट में चल रहे काम का निरीक्षण करने के लिए कलेक्टर बिलासा देवी केंवटिंन एयरपोर्ट पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य शासन ने कैबिनेट में सेना की जमीन वापसी का प्रस्ताव पास कर दिया है. जिसके बाद जमीन की मुआवजा राशि राज्य शासन ने केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय को भेज दी है.
कलेक्टर संजीव झा नोडल ऑफिसर निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत के साथ एयरपोर्ट पहुंचे. सबसे पहले उन्होंने एयरपोर्ट डायरेक्टर और PWD के अधिकारियों से एयरपोर्ट में अब तक हुए काम और निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी ली. जांच के दौरान कलेक्टर झा ने PWD के अफसरों और ठेकेदार को एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग के काम को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. इसके अलावा रन-वे के पास निर्माणाधीन आइसोलेशन-बे को भी जल्द पूरा करने कहा. अफसरों ने उन्हें बताया कि एयरपोर्ट का 3 CBFR से 3 CIFR कैटेगरी में उन्नयन किया जा रहा है, जिसके बाद एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू हो सकेगी. सेना से जमीन मिलने के बाद एयरपोर्ट में रन-वे की लंबाई का काम शुरू हो सकेगा. कलेक्टर ने रन-वे के लिए अतिरिक्त जमीन और फेंसिंग का भी निरीक्षण किया.
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर संजीव झा ने कहा कि बिलासपुर एयरपोर्ट को सर्वसुविधायुक्त बनाया जाएगा. एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग में फॉल सिलिंग, टेनसाइल क्लाथ का शेड, पेवर ब्लॉक का पाथ वे, एसी और लाइटिंग के काम को देखकर उन्होंने संतुष्टि जताई. इसके साथ ही नाइट लैंडिंग के लिए CCR रूम के निर्माण का जायजा लिया. उन्हें बताया गया कि यहां इलेक्ट्रॉनिक पैनल स्थापित किया जाएगा.
हाईकोर्ट में एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार को लेकर दायर जनहित याचिका पर 17 अगस्त हो सुनवाई होनी है. इसके पहले सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिया था कि सेना की जमीन लेने के लिए बिलासपुर कलेक्टर के माध्यम से एक सप्ताह में 90 करोड़ रुपए रक्षा मंत्रालय में जमा कराया जाए. साथ ही रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया है कि यह राशि जमा होने के सप्ताह भर में जमीन राज्य शासन को वापस की जाए. हाईकोर्ट ने भोपाल-इंदौर फ्लाइट बंद करने पर एयरपोर्ट अथॉरिटी से टिकटों का आंकड़ा पेश करने कहा था.