रायपुर शहर में नगर निगम एक नए किस्म का प्रयोग करने जा रहा है. अब सप्ताह में दो दिन ही सूखा कूड़ा घरों से लिया जाएगा. बाकि के दिन गीला कचरा जमा किया जाएगा. ऐसा फिलहाल शहर के 10 वॉर्ड में किया जा रहा है. इस प्रयोग में कामयाबी मिली तो यही व्यवस्था पूरे शहर में लागू होगी.
घर और व्यावसायिक परिसर से इसी तरह से कचरा कलेक्ट किया जाएगा. दिल्ली सहित कई मेट्रो सिटीज में ये प्रयोग पहले से जारी है. लोग सूखा कचरा केवल बुधवार और रविवार को ही कचरा वाहन में दे पाएंगे. नगर निगम का कचरा वाहन अब सोमवार, मंगलवार, गुरुवार,शुक्रवार, शनिवार को ही गीला कचरा लेगा.
गीला और सूखा कचरा लेने के इस अभियान में जन सुविधा व शिकायत दर्ज करने के लिए टोल फ्री नंबर 18002709992 भी जारी किया गया है. इस नंबर पर आम नागरिक अपने क्षेत्र में कचरा कलेक्शन में लगे वाहन से संबंधित जानकारी या कोई शिकायत दर्ज करा सकेंगे.
इस अभियान को कचरा अलग करने के लिए राष्ट्रीय रैंकिंग में रायपुर को बेहतर स्थान पर लाने के लिए शुरू किया जा रहा है. कचरा अलग करने के काम को नगर निगम इस बार बहुत गंभीरता से ले रहा है. सूखे व गीले कूड़े के समुचित पृथक्करण ना होने से शहर की रैंकिंग ना बिगड़े, इस दिशा में अब बड़ी पहल अलग-अलग दिन गीला और सूखा कचरा लिया जाएगा. दरअसल, गीले और सूखे कचरे का डिस्पोजल अलग-अलग तरीकों से होता है.
शहर के लोगों को सूखा-गीला कचरा अलग-अलग रखने लिए नगर निगम की ओर से डस्टबिन दिया जाना है, लेकिन अब तक प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है. निगम के पदाधिकारी और अधिकारी भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. वर्तमान में राजधानी में केवल 30% घरों से ही सूखा-गीला कचरा अलग-अलग मिल रहा है. नगर निगम ने वर्ष 2019 और इससे पहले 2016 में लोगों को डस्टबिन दिया था. ज्यादातर लोगों के घरों के डस्टबिन या तो टूट गए हैं या फिर खराब हो गए हैं.
मार्च में सामान्य सभा होने से कुछ दिनों पहले निगम ने सूखा-गीला कचरा एक साथ देने पर लोगों से जुर्माना वसूलने का निर्णय लिया था. नगर निगम की सामान्य सभा में विपक्ष ने इसे लेकर जमकर हंगामा किया था. विपक्ष का कहना था कि लोगों को पहले डस्टबिन वितरित किए जाए. विपक्ष के हंगामे को देखते हुए शहरी सरकार ने डस्टबिन वितरित करने का निर्णय लिया था, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है.