दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित बुरगुम गांव में जहां कभी नक्सलियों की तूती बोलती थी, वहां अब बदलाव नजर आने लगा है. स्वतंत्रता दिवस पर बुरगुम गांव के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नक्सली फरमान को धता बताते हुए जवानों की मौजूदगी में इस बार ध्वजारोहण किया और आजादी का जश्न मनाया. गांव के लोगों ने तिरंगा फहराकर ये बता दिया कि यहां गन नहीं गणतंत्र की जरूरत है.
नक्सलियों के गढ़ में जवानों की मौजूदगी के बीच ग्रामीण बिना किसी डर के आजादी के महापर्व में शामिल हुए. जवानों ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि हम आपके साथ है, सरकार आपके साथ है. वे नक्सलियों के बहकावे में नहीं आए. विकास के साथ कदम से कदम मिला कर आगे बढ़े.
2007 तक बुरगुम गांव में भी हर्ष उल्लास के साथ 15 अगस्त और 26 जनवरी मनाया जाता था, पर 2007 में यहां के सरकारी भवन, आश्रम, पंचायत भवनों को ध्वस्त कर नक्सलियों ने बुरगुम तक पहुंचने वाले रास्ते को काट दिया था. इस घटना के बाद से आज तक ये गांव जिला व ब्लॉक मुख्यालय कुआकोंडा से कटा हुआ है.
बुरगुम गांव में भी लोग आजादी का जश्न मना सकें इसके लिए इस बार जवानों ने नदी-नालों को लांघ कर एक दिन पहले 14 अगस्त को यहां सर्चिंग अभियान तेज कर दिया था. जिसके बाद आज 15 अगस्त को बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी में बुरगुम गांव के आंगनबाड़ी स्कूलों में तिरंगा फहराया गया.