छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रेप का केस सामने आया है हाई प्रोफाइल रेप मामले के विरोध और बेटी को पाने के लिए कलेक्ट्रेट के सामने धरना दे रही महिला को एसडीएम ने वहां से हटा दिया है। महिला अब शहर के नेहरू चौक में धरना पर है। महिला ने पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) पर सवाल उठाए हैं। केस दर्ज होने के बाद से पीड़ित 9 साल की बच्ची CWC के पास कैद है। बेटी को पाने के लिए मां 36 घंटे से अधिक समय से धरने पर बैठी हुई हैं।प्रशासन ने मां को बच्ची दिलाने के लिए अब तक कोई पहल नहीं की है। मां के समर्थन में आगे आई आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रविवार को CWC चेयरमैन के घर के सामने जमकर हंगामा मचाया। फैक्ट्री मालिक पिता पर अपनी ही बच्ची के साथ रेप करने का आरोप है, जिस पर पुलिस ने FIR किया है। लेकिन, अब तक आरोपी पिता की गिरफ्तार नहीं किया गया है।
सकरी क्षेत्र की रहने वाली महिला हाउस वाइफ हैं और उनका परिवार भी कारोबारी हैं। उनकी शादी साल 2008 में रायगढ़ के फैक्ट्री संचालक से हुई थी। शादी के बाद उनकी बेटी हुई लेकिन, पति-पत्नी के बीच संबंध ठीक नहीं रहते थे। पत्नी का कहना है कि पति बिना बात के विवाद करता था। पति की आए दिन की प्रताड़ना से तंग आकर महिला अपनी 9 साल की बेटी को लेकर बिलासपुर में अपने मायके में आकर रहने लगी।
इस हाई प्रोफाइल केस में महिला ने पुलिस को बताया कि बीते जुलाई माह से उसके पति की नीयत बेटी पर बिगड़ गई थी। उसने रायगढ़ में भी बेटी के साथ गलत हरकत की। जब महिला ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट किया गया। महिला के बिलासपुर आने के बाद उसका पति बेटी से मिलने के बहाने आता था। इस दौरान वह बेटी से अकेले मिलता था और गलत हरकतें करता था। आरोप है कि इसी दौरान उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।
SSP पारुल माथुर के आदेशानुसार पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ केस दर्ज किया है। लेकिन, अब तक न तो उसकी गिरफ्तारी की गई और न ही बच्ची मां को दिया गया है। इससे परेशान मां ने अपनी बेटी को पाने के लिए हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर महिला के केस का निराकरण करने का आदेश दिया था। लेकिन, हाईकोर्ट के आदेश के एक माह बाद भी प्रकरण नहीं किया गया है। इसके कारण महिला के अधिवक्ता ने अवमानना याचिका भी लगाई है।
महिला का कहना यह है कि उसका पति उद्योगपति है और प्रभावशाली व्यक्ति हैं। CWC ने महिला पर बच्ची को भड़काने और बहलाकर डबाव डालकर गलत बयान देने का आरोप लगाया है, जिसके कारण बच्ची को उसकी मां के हवाले नहीं किया जा रहा है। लेकिन, CWC ने बच्ची को रायगढ़ भेजने का आदेश जारी कर दिया है। महिला का कहना है कि रायगढ़ में उसका पति रहता है, जहां बच्ची की जान को खतरा हो सकता है।
इसका महिला ने विरोध किया, तब CWC ने उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया। कहीं से कोई सहायता नहीं मिलने पर बेबस महिला अपनी बेटी को पाने के लिए धरने पर बैठने के लिए मजबूर हुई है।