ऑनलाइन सट्टा एप के मामले में गिरफ्त में आए ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, कारोबारी अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की रिमांड 7 दिन बढ़ा दी गई है. इधर बचाव पक्ष के वकील ने ED पर मारपीट और दबाव बनाकर कुछ IAS और IPS समेत CM के करीबियों का नाम लेने का आरोप लगाया है और सुरक्षा की मांग रखी है.
बता दें कि मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों की रिमांड खत्म होने पर विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अजय सिंह राजपूत की कोर्ट ने 7 दिनों की रिमांड बढ़ा दी है. आरोपियों की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.
बचाव पक्ष के वकील ने आरोप लगाया है कि मारपीट और धमकियों के जरिए अभियुक्तों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है. ताकि वे सौम्या चौरसिया, विजय भाटिया, सूरज कश्यप, मनीष वर्मा, आशीष वर्मा, अनिल टुटेजा, दिलीप वर्मा, लक्ष्मीनारायण बंसल, आनंद छाबड़ा, आरिफ शेख, अभिषेक माहेश्वरी, प्रशांत अग्रवाल, संजय ध्रुव, प्रशांत ठाकुर, अभिषेक पल्लव जैसे नाम लें. इनके अलावा मुख्यमंत्री निवास से संबंधित अन्य अधिकारी और कर्मचारियों के नाम भी लेने का दबाव बनाने का आरोप है.
ED ने प्रदेश के दो जिलों रायपुर और दुर्ग में छापेमारी की कार्रवाई की थी. जिसमें वकील, पुलिस, ट्रांसपोर्टर, सीए और जमीन कारोबारियों को अपने शिकंजे में लिया है. ED ने PMLA यानी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, हवाला कारोबारी अनिल और सुनील दम्मानी को गिरफ्तार किया था.
ED की तरफ से प्रेस को दी गई जानकारी के मुताबिक ASI चंद्रभूषण वर्मा को छत्तीसगढ़ में मुख्य लाइजनर बताया गया है. चंद्रभूषण दुबई के प्रमोटरों से हवाला के जरिए से हर महीने मोटी रकम लेता और इसे सीनियर पुलिस अफसरों को बांट रहा था और ED के मुताबिक राजनीतिक रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े लोगों को ‘संरक्षण राशि’ भी दी जा रही थी.
ED की अब तक की जांच से पता चला है कि करीब ₹65 करोड़ नकद मिले हैं. जिसे चंद्रभूषण वर्मा ने रिसीव किया और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं को बांटा है. ED ने गंभीर आरोप लगाते हुए जानकारी दी है कि ASI चंद्रभूषण वर्मा पुलिस में बहुत बड़े पोस्ट में नहीं था. लेकिन सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा के साथ अपने संबंधों और रवि उप्पल के भेजे रिश्वत से मिले पैसों से वो यहां के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित करने में कामयाब रहा.
ED का कहना है कि, ASI वर्मा ने स्वीकार किया है कि वो कई बड़े ताकतवर लोगों से हर महीने बड़ी रकम रिश्वत में ले रहा था और भुगतान भी कर रहा था. साथ ही वर्मा ने ये भी स्वीकार किया है कि मई 2022 में पुलिस की कुछ कार्रवाई के बाद रिश्वत की रकम भी बढ़ाई गई. मामलों को कम करने और कार्रवाई को स्थानीय सट्टेबाजों तक सीमित करने और भविष्य में किसी भी कार्रवाई को रोकने के लिए रिश्वत की रकम बढ़ाई गई थी. आरोपियों ने इस मामले में विशेष रूप से सीएमओ से जुड़े बड़े अधिकारियों के भी नाम लिए हैं, जिन्होंने मासिक या फिर नियमित आधार पर बड़ी रिश्वत दी गई है.