शिक्षक प्रमोशन पोस्टिंग केस का मामला अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद उलझ गया है. हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. इसके मुताबिक दोनों पक्ष केस की सुनवाई होते तक जहां हैं, वहीं रहेंगे. यानी कि अगर कोई टीचर रिलीव हो गया है तो वह नई जगह ज्वॉइन नहीं कर सकेगा और न ही पुरानी जगह ज्वॉइन कर सकेगा. यह भी साफ है कि केस की सुनवाई तक किसी भी टीचर का प्रमोशन आदेश निरस्त नहीं होगा.
प्रदेशभर में शिक्षकों की पदोन्नति के बाद उनका पदस्थापना आदेश जारी किया गया. इस दौरान नियमों को दरकिनार कर प्रमोशन पोस्टिंग की आड़ में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गई. इसमें टीचर के पद को छिपा कर रखा गया और पैसों का लेनदेन कर पदस्थापना के लिए संशोधित आदेश जारी कर दिया गया. प्रदेश भर में अनियमितता उजागर होने के बाद राज्य शासन ने शिक्षकों के पदस्थापना आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके खिलाफ प्रभावित शिक्षकों ने याचिका दायर की है. हाईकोर्ट में इस तरह से तकरीबन 600 याचिकाएं दायर की गई है.
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करने वाले एडवोकेट प्रतीक शर्मा ने बताया कि पदोन्नति पोस्टिंग के केस में हाईकोर्ट ने 11 सितंबर को जो आदेश जारी किया है, वह सभी केस में लागू होगा. कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है, जिसके मुताबिक दोनों पक्षों को इस आदेश का पालन करना होगा. आदेश में स्पष्ट है कि अगर टीचर रिलीव हो गए हैं तो ना नई जगह ज्वॉइन कर सकेंगे और ना ही पुरानी जगह ज्वॉइन कर सकेंगे और केस की सुनवाई होते तक रिलीव ही रहेंगे. उनका प्रमोशन ऑर्डर कैंसिल नहीं होगा. शिक्षकों को भी यह स्थिति मेंटेन करना है और सरकार को भी यह स्थिति मेंटेन करना होगा. अगर रिलीव नहीं हुए हैं तो पुरानी जगह पर रहकर काम कर सकते हैं. याचिका पर सिंगल बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हालांकि, इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है
शिक्षा विभाग के शिक्षकों की संशोधन पदस्थापना निरस्त होने के बाद बिलासपुर संभाग के 150 से अधिक शिक्षकों को रिलीव कर दिया गया है. छह शिक्षकों ने पदोन्नति अस्वीकार कर दी है और अपनी पुरानी पदस्थापना वाले स्कूल में ज्वॉइन कर ली है. बता दें कि संभाग में 700 से ज्यादा शिक्षकों की संशोधन पदस्थापना हुई थी. इस दौरान प्रभारी JD पर लेनदेन का आरोप लगा था. रिलीव होने के बाद ज्वॉइन नहीं करने वाले शिक्षकों को अभी ज्वॉइन भी नहीं कराया जा सकता.