राज्य सरकार ने हाउसिंग प्रोजेक्ट में EWAS के लिए 15 प्रतिशत जमीन छोड़ने की बाध्यता खत्म कर दी है. अब प्लॉट, मकान या फ्लैट की संख्या का 9 प्रतिशत ही EWAS के लिए आरक्षित रहेगा. यानी किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट में 100 प्लॉट होंगे तो सिर्फ 9 ही EWAS के लिए आरक्षित होंगे. यह प्लॉट EWAS श्रेणी के लोग सीधे कॉलोनाइजर से खरीद सकेंगे. नगरीय प्रशासन विभाग ने संशोधनों का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम में हाउसिंग प्रोजेक्ट में EWAS के लिए 15 प्रतिशत जमीन आरक्षित करने का प्रावधान था. इस वजह से कॉलोनियां बनती गईं और EWAS के लिए जमीनें छोड़ी जाने लगी. इन जमीनों का क्या उपयोग होगा, यह राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया था. इस तरह कॉलोनाइजर को तो नुकसान हो रहा था, लेकिन EWAS श्रेणी के लोगों को कोई फायदा नहीं हो रहा था.
इस वजह से नियमों में संशोधन की मांग उठ रही थी. राज्य सरकार ने नियमों को संशोधित कर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसमें EWAS के लिए कुल प्लॉट, मकान या फ्लैट का 9 प्रतिशत और LIG के लिए 6 प्रतिशत आरक्षित किया जाएगा. इससे पहले LIG के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था.
नियमों में संशोधन के बाद अब हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की कीमतों में कमी का अनुमान है. ऐसा इसलिए क्योंकि पहले EWAS के लिए जो जमीन आरक्षित की जाती थी, उसका कॉस्ट भी कॉलोनाइजर दूसरों से वसूलते थे. अब EWAS श्रेणी के लेाग कॉलोनाइजर से सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक प्लॉट, फ्लैट या मकान खरीद सकेंगे. इस तरह कॉलोनाइजर की जमीन बेकार नहीं होगा और उसे बेचने की छूट होगी.
क्रेडाई बिलासपुर के अध्यक्ष सुहेल हक के मुताबिक पुराने नियमों के मुताबिक अलग-अलग कॉलोनियों में जो जमीन EWAS के लिए छोड़ी गई थी, ऐसी कई एकड़ प्लॉट खाली पड़े हैं. बाद अब यह समस्या नहीं रहेगी.
लीगल प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहन मिलेगा
एक्सपर्ट व्यू
शहर में लीगल प्रोजेक्ट की संख्या बढ़ेगी. अब तक पुराने नियमों की वजह से ज्यादातर बिल्डर बिना TNC एप्रूवल के प्लाॅटिंग कर रहे थे. उन्हें रोकने के लिए ऐसे निर्णय जरूरी है. इससे काफी राहत मिलेगी.
सुमित अग्रवाल, आर्किटेक्ट एंड टाउन प्लानर