प्रदेश में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूलों के छात्रों को अभी तक गणवेश नहीं मिले हैं. छात्रों के अभिभावक बाहर से मंहगें दामों में ड्रेस खरीदनें को मजबूर है. स्कूलों में पढ़ाई शुरू हुए लगभग तीन महीने बीत गए हैं. लेकिन अभी भी छात्र गणवेश से वंचित है. हालांकि इन छात्रों को सरकार की तरफ से दी जाने वाली कापी-किताबें मिली चुकी है.
छात्राओं को सरस्वती साइकिल योजना के तहत मिलने वाली साइकिलों का वितरण भी किया जा चुका है. पिछले वर्ष भी छात्रों को गणवेश नहीं दिए गए थे. स्वामी आत्मानंद स्कूल बनने के बाद ये चौथा शिक्षा सत्र है, लेकिन अभी तक सिर्फ एक बार ही छात्रों को गणवेश दिए गए है, बाकि छात्र खुद बाजार से खरीदकर पहन रहे हैं. कई स्कूलों में अभिभावक स्कूल प्रबंधन पर ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं.
अभिभावक शनिवार को अलग-अलग ड्रेस का भी विरोध किए थे. स्वामी आत्मानंद स्कूल के अलावा प्रदेश में संचालित शासकीय स्कूलों के छात्रों को किताब, कॉपी, ड्रेस और साइकिल का वितरण जुलाई में ही किया जा चुका है. इस वर्ष ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से स्कूलों में 10 दिन देरी से पढ़ाई शुरू हुई थी. 16 जून की बजाय 26 जून को शाला प्रवेशोत्सव मनाया गया है.
स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र अपने क्लास टीचर, प्राचार्य से बार-बार गणवेश के बारे में पूछ रहे हैं कि कब तक मिलेंगे. स्कूल प्रबंधन के पास छात्रों के इस प्रश्न का कोई जवाब नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक शासन स्कूलों से छात्रों की संख्या ही नहीं पूछी है कि किस स्कूल में कितने छात्र पढ़ रहे हैं. छात्रों की संख्या जानने के बाद ही स्कूलों को ड्रेस दिए जाएंगे. इस लिहाज से अभी छात्रों को ड्रेस मिलना बहुत मुश्किल है.
प्रदेश में हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के 726 स्वामी आत्मानंद स्कूल चल रहे हैं. इन स्कूलों में चार लाख 21 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई कर रहे हैं. प्रदेश में 377 स्कूल ऐसे हैं जहां पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों की पढ़ाई होती है. अंग्रेजी माध्यम में एक लाख 73 हजार और हिंदी माध्यम में एक लाख 27 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. वहीं 349 हिंदी माध्यम स्कूल है, जिनमें एक लाख 21 हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं.
शासन से अभी तक गणवेश या पैसे नहीं आए है, वहां से आने के बाद छात्रों काे वितरित किए जाएंगे. शासन स्तर में गणवेश को लेकर क्या तैयारियां चल रही है, इसकी जानकारी नहीं है. इसलिए समय-सीमा नहीं बता सकता हूं.