GST के तहत कुछ नए नियम आए हैं और अब ₹50 हजार से अधिक का माल भेजने पर ई-वे बिल जरूरी है. इसके साथ ही ₹2 लाख से अधिक का सोना या कीमती नगों के साथ भी ई-वे बिल होना अनिवार्य है.
माल भेजने वाला व्यापारी भी इस बिल को जारी कर सकता है और माल मंगाने वाला व्यावसायी भी इसे जारी कर सकता है. अगर दोनों में से किसी ने जारी नहीं किया है तो उस माल को भेजने वाला ट्रांसपोर्टर भी ई-वे बिल जारी कर सकता है. इस समाचार में हम आपको बताएंगे कि ई-वे बिल कब आवश्यक होता है, इसके क्या नियम हैं.
ई-वे बिल एक प्रकार की डिजिटल रसीद है, जो कि GST के ई-वे बिल पोर्टल की मदद से बनाई जाती है. इसमें भेजे जा रहे माल संबंधी विवरण दर्ज होते है. साथ ही माल भेजने वाले का GST नंबर और सौदे संबंधी डिटेल्स, माल को मंगाने वाले के डिटेल्स व वाहन से ले जाने वाले का भी डिटेल्स आवश्यक होता है. ई-वे बिल 12 अंकों का विशिष्ट नंबर होता है, इसे EBN भी कहते हैं.
अगर ट्रांसपोर्ट किए जाने वाले माल की कुल कीमत ₹50 हजार से अधिक है तो उसके लिए ई-वे बिल अनिवार्य है. इसके साथ ही राज्य की सीमाओं के अंदर माल भेजने पर भी और राज्य की सीमा के बाहर भी माल भेजने पर नियम लागू होता है.
बताया जा रहा है कि किसी एक कारोबारी की ओर से चाहे पूरे माल के लिए अकेली रसीद 50 हजार की हो तब भी यह नियम लागू होगा. या फिर कई रसीदें होने पर 50 हजार से अधिक हो ,तब भी यह नियम लागू होगा.
नियम के अनुसार इसमें मूल्य की सीमा तय करने में सिर्फ उन वस्तुओं को शामिल किया जाएगा जिन पर GST लगा है. इससे पहले यह नियम था कि ₹50 हजार तक की लिमिट में सभी प्रकार की वस्तुएं शामिल थीं.
माल अगर वापस भेजा जा रहा है तो उसके साथ भी ई-वे बिल जरूरी है. बिना भुगतान के भी अगर माल भेजा जा रहा है तो ई-वे बिल जरूरी है.
बताया जा रहा है कि जिस राज्य से माल खरीदा गया है,अगर उसी राज्य के भीतर 50 किमी के अंदर उसे भेजा जा रहा है तो उसके लिए ई-वे बिल अनिवार्य नहीं है. पहले यह छूट राज्य के भीतर केवल 10 किमी दूरी तक थी. ई-वे बिल संबंधी प्रक्रियाओं के निपटाने के लिए पोर्टल की मदद ले सकते हैं. ई-वे बिल SMS, एंड्रॉयड एप और API सिस्टम से कहीं भी जारी किया जा सकता है.
नए नियम के अनुसार अगर आप राज्य के भीतर ₹2 लाख से अधिक का सोना या कीमती धातु भी ले जाते है तो ई-वे बिल जरूरी है. इन नियमों के बारे में आपको जानना जरूरी है.