रायपुर के राजेंद्रनगर क्षेत्र में रहने वाले रिटायर्ड IAS भानू प्रताप सिंह नेताम के मोबाइल को हैक कर शातिर साइबर ठगों ने उनके दो बैंक खाते से 20 लाख 82 हजार रूपये निकाल लिए. ठगी का यह मामला पिछले महीने अगस्त में घटी थी. ठगी के शिकार रिटायर्ड IAS की शिकायत की जांच के बाद शनिवार रात न्यू राजेंद्रनगर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
न्यू राजेंद्रनगर पुलिस ने बताया कि आचमन गुरु घासीदास कॉलोनी न्यू राजेंद्रनगर निवासी रिटायर्ड IAS भानू प्रताप सिंह नेताम ने शिकायत दर्ज कराया कि उनके मोबाइल नंबर को हैक करके एयरटेल के सिम नंबर से पोर्ट करके शातिर ठगों ने सारी व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर ली. फिर 9 से 15 अगस्त के बीच भारतीय स्टेट बैंक के खाते से ₹6.35 लाख और एक्सिस बैंक के खाते से ₹14.47 लाख निकाल लिए. इसका पता चलने पर नेताम ने 16 अगस्त को इसकी शिकायत साइबर पुलिस थाना सिविल लाइन में की थी, किंतु पुलिस ने जांच का हवाला देकर उस समय केस दर्ज नहीं किया.
रिटायर्ड IAS भानू प्रताप सिंह नेताम और उनकी पत्नी के नाम पर मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में तीन बीमा पॉलिसी है. उन्होंने कंपनी के खिलाफ शिकायत करने समक्ष अधिकारी का नाम एवं फोन नंबर मांगा तो वहां से लोकपाल के नाम से पंकज त्रिपाठी का नाम और फोन नंबर 9012207395 दिया. उस नंबर पर काल करने पर पंकज त्रिपाठी ने बताया कि आपके तीन बीमा की राशि ₹28.50 लाख मिलेगे. इसके लिए बताए अनुसार आप RTGS से रूपये भेजते रहेंगे तो आपको मिलने वाले रूपये के साथ वह भी वापस हो जाएगा. उसकी बातों में विश्वास करके नेताम रूपये भेजते गए और पंकज त्रिपाठी मिलने वाली राशि बढ़ाते गया. इस तरह सिलसिला 30 जनवरी से एक अगस्त 2023 तक चलता रहा.
अंतिम राशि भेजने के नेताम को बताया गया कि अब उन्हें ₹42.50 लाख मिलेंगे. इस पर उन्होंने पंकज त्रिपाठी से लगातार संपर्क बनाए रखा पर कोई रकम नहीं मिली. हालांकि जितने बार उन्होंने पैसे भेजे उसका प्रीमेरिका लाइफ इंश्योरेंस (4.33 रूपये) मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में दो पॉलिसी का 5 लाख रूपये और बजाज लाइफ इंश्योरेंस की दो पॉलिसी भेजी गई. इन कंपनियों से फोन भी लगातार आते रहे. इस बीच नेताम ने आगे पॉलिसी जारी रखने में असमर्थता जताई. फोन की परेशानी को देखते हुए उन्होंने अपना नंबर बदलने के साथ बैंक खाता ब्लॉक कराकर नया खाता खुलवा लिया, लेकिन अब उनके खाते में कुछ भी रकम शेष नहीं बचा है. ठगी के इस खेल में पंकज त्रिपाठी नामक ठग की मुख्य भूमिका है. पुलिस अब पंकज त्रिपाठी की पूरी कुंडली खंगाल रही है.