बस्तर के चित्रकोट वाटर फॉल की खूबसूरती अब पर्यटक रात में भी देख पाएंगे. यहां प्रशासन ने ट्रायल के रूप में कलरफुल लाइटें लगाई हैं, जिसका फोकस सीधे जल प्रपात पर है. रंगीन रोशनी के साथ एशिया के नियाग्रा फॉल के नाम से मशहूर इस जलप्रपात का नाइट व्यू काफी रोमांचित कर रहा है.
जगदलपुर से महज 39 किमी दूर पर स्थित चित्रकोट जल प्रपात इंद्रावती नदी पर है. यहां लाखों गैलन पानी करीब 90 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है. गर्मी के दिनों में पानी की सबसे कम लगभग 3 धाराएं तो वहीं बारिश के दिनों में 7 से ज्यादा धाराएं नीचे गिरती हैं.
बारिश के कारण बस्तर के जलप्रपातों की खूबसूरती और बढ़ गई है. खासतौर पर चित्रकोट वॉटरफॉल पूरे शबाब पर है. यहां 90 फीट ऊपर से गिरते पानी को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे रहे हैं. जिसके चलते प्रशासन ने पर्यटकों की सुविधा और रोमांच को बढ़ाने के लिए यहां लाइटें लगाई हैं.
चित्रकोट वाटर फॉल के नीचे एक छोटी सी गुफा में चट्टानों के बीच शिवलिंग है. जल प्रपात के पानी से सालभर शिवलिंग का अभिषेक होता है. कहा जाता है कि नाविक यहां भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं. हालांकि बारिश के दिनों में शिवलिंग तक पहुंचा नहीं जा सकता. लेकिन गर्मियों में पर्यटकों के कहने पर ही नाविक शिवलिंग तक लेकर जाते हैं.
चित्रकोट वाटरफॉल तक पहुंचना पर्यटकों के लिए काफी आसान है. रायपुर से जगदलपुर और हैदराबाद से जगदलपुर तक हवाई सेवा भी शुरू हो चुकी है. इसके अलावा किरंदुल-विशाखापटनम रेल मार्ग से भी जगदलपुर और यहां से चित्रकोट पहुंच सकते हैं. पहले जगदलपुर और फिर यहां से सड़क मार्ग से जलप्रपात तक पहुंचा जा सकता है.
चित्रकोट जलप्रपात का आनंद लेने के लिए अगस्त से अक्टूबर तक का महीना काफी अच्छा होता है. क्योंकि इसी दौरान जलप्रपात अपनी अलौकिक छटा बिखेरता हुआ नजर आता है.