छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में दवाओं की कमी को दूर करने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने की तैयारी हो रही है. हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों ने राजस्थान का दौरा कर वहां के अस्पतालों में दवा का स्टॉक, मरीजों तक सप्लाई और उपलब्धता के सिस्टम को बारीकी से देखा.
उसी आधार पर यहां का स्वास्थ्य विभाग 250 से ज्यादा छोटे बड़े सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू करने जा रहा है. इससे हर वक्त देखा जा सकेगा कि किस अस्पताल में कितना स्टाॅक है और कितनी सप्लाई की जरूरत है.
प्रदेश में अभी सरकारी दवा खरीदी कंपनी CGMSC के 16 स्टोर में ऑनलाइन मॉनिटरिंग का सिस्टम है, अर्थात यह स्टोर तक ही सीमित है. नए सिस्टम से अस्पताल और सामुदायिक केंद्रों, जहां से मरीज दवाएं लेते हैं, वहां भी दवाइयों के स्टॉक को ट्रेस किया जा सकेगा. जिसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा.
गौरतलब है, हर साल CGMSC 500 करोड़ से अधिक रुपए की दवाओं और कंज्यूमेबल की खरीदी करता है. बावजूद इसके अस्पतालों में अक्सर दवाएं उपलब्ध नहीं रह पाती है. इसको दूर करने के लिए यह सिस्टम बनाया जाएगा. राज्य के महामारी नियंत्रक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि राजस्थान में अस्पतालों को दवा सप्लाई के सिस्टम का व्यापक अध्ययन हुआ है. इसके बाद यहां ऑनलाइन मॉनिटरिंग का सिस्टम बनाया जा रहा है.
अफसरों के मुताबिक शुरुआती चरण में प्रदेश के 250 मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को इस सिस्टम से जोड़ा जाएगा. यहीं पहले चरण में भर्ती होने वाले 250 कम्प्यूटर ऑपरेटरों को तैनात किया जाएगा. ऑपरेटर हर दिन अपने अपने अस्पतालों में हर एक दवा और कंज्यूमेबल के रिकॉर्ड की ऑनलाइन एंट्री करेंगे. इसमें स्टोर से कितना स्टॉक आया, कितना बांटा गया, इसकी रोज एंट्री होगी.
ओटी, वार्डों आदि में कितनी दवाएं यूज हुईं और कितनी जरूरत है, इसकी रोज डेटा एंट्री होगी. CGMSC के स्टोरों और स्वास्थ्य विभाग के मॉनिटरिंग सिस्टम से ये रिकॉर्ड जुड़ा रहेगा. जिसमें किसी भी वक्त किसी भी अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता देखी जा सकेगी. यही नहीं सप्लाई सिस्टम भी ऑनलाइन रहेगा. जिसमें अस्पताल खुद ही अपनी जरूरत के मुताबिक दवाएं स्टोर से सीधे अस्पताल तक बुलवा भी सकेंगे. जानकार कहते हैं महामारी या किसी बीमारी का प्रकोप बढ़ जाने की स्थिति में जरूरत की सभी दवाएं, जांच किट आदि अस्पतालों तक इस सिस्टम से जल्दी पहुंचाई जाएगी.
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सरकारी अस्पताल में दवाइयों के लिए नए सिस्टम की जरूरत महसूस की जा रही थी, इसलिए ऑनलाइन सिस्टम बना रहे हैं, ताकि मरीजों को समय पर दवा मिल सके.