रायपुर में गुरुवार दोपहर से शुरू हुई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बैठक रात करीब 9 बजे तक चली. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष के साथ शाह ने पार्टी नेताओं की करीब 7 घंटे तक बैठक ली. 69 सीटों पर मंथन के बाद नाम तय कर लिए गए. इसके बाद शाह और नड्डा एक गाड़ी में बैठकर निकल गए. बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि जल्द ही प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी होगी.
पार्टी प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर से हुई इस बैठक में शाह ने प्रदेश के नेताओं से चुनाव की तैयारियों को लेकर सवाल किए. पूछा कि, 90 सीटों पर जीत कैसे हासिल करेंगे, इसे बताइए? प्रदेश अध्यक्ष साव ने बताया कि, परिवर्तन यात्रा से लेकर अलग-अलग चलाए जा रहे अभियानों के बारे में बैठक में जानकारी दी गई.
साव ने बताया कि बैठक में सभी कार्यक्रमों की समीक्षा की गई. आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी किस तरह से चुनावी काम करेगी इसे लेकर भी बातचीत हुई है. टिकट को लेकर किए गए सवाल पर साव ने कहा कि बहुत जल्दी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जाएगी. इस बैठक में पार्टी के चुनिंदा नेता ही शामिल हुए थे.
30 सितंबर को बिलासपुर और 3 अक्टूबर को बस्तर में होने वाली नरेंद्र मोदी की सभाओं को लेकर भी बैठक में समीक्षा की गई. पार्टी सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों में बड़ी भीड़ जुटाना, बिलासपुर और बस्तर संभाग की सीटों पर व्यापक असर पड़ सके इसे लेकर भी रणनीति तैयार की गई है. बैठक में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नवीन, पूर्व सीएम रमन सिंह भी शामिल थे.
केंद्रीय गृह मंत्री पहले 22 सितंबर को रायपुर आने वाले थे. लेकिन अंतिम समय में गृह मंत्रालय की ओर से दौरा रद्द होने की पुष्टि की गई. इससे पहले 2 सितंबर को अमित शाह रायपुर आए थे. भाजपा के आरोप पत्र लॉन्च कार्यक्रम में शाह ने ₹2100 करोड़ के शराब घोटाले को केवल टिप बताया था.
भ्रष्टाचार मामले में प्रदेश कांग्रेस सरकार को घेरा था. उनके मुताबिक भ्रष्टाचार इससे कहीं ज्यादा का है. आरोप पत्र में भाजपा ने भ्रष्टाचार और वादा खिलाफी के साथ ही सरकार की विफलताओं के मुद्दों पर फोकस किया है.
अमित शाह जुलाई में प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठक ले चुके हैं. तब खबर यह भी सामने आई थी कि शाह स्थानीय नेताओं की परफॉर्मेंस से खुश नहीं हैं. तब मिली फटकार के बाद अचानक स्थानीय नेताओं ने अभियानों की तेजी लाई और यह कोशिश की जा रही है कि आने वाले समय में प्रदेश में भाजपा की सरकार बने.
मगर यह भी बड़ा सच है कि बहुत सी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी कमजोर है, अमित शाह इसी पर रिव्यू करने पहुंचने वाले हैं.