जशपुर के पत्थलगांव से कांग्रेस विधायक और वरिष्ठ नेता रामपुकार सिंह के खिलाफ ग्रामीणों ने नारेबाजी कर काले झंडे दिखाए. सड़क नहीं बनने से ग्रामीण नाराज थे. हंगामा कर रहे ग्रामीणों को काबू में करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. घटना कांसाबेल क्षेत्र के ग्राम गोढ़ी की है.
दरअसल रामपुकार सिंह शुक्रवार को भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गोढ़ी गांव पहुंचे थे. स्थानीय स्तर पर प्रशासन ने कार्यक्रम की तैयारी की थी और कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग भी जुटे थे. दोपहर बाद जैसे ही विधायक रामपुकार सिंह मंच पर पहुंचे तो ग्रामीण काला झंडे और कपड़ा लहराने लगे.
आक्रोशित ग्रामीणों का आरोप है कि विधायक रामपुकार के सामने कई बार जयमरगी से झिंगरेल को जोड़ने वाली 10 किलोमीटर सड़क निर्माण की मांग रखी, लेकिन इस सड़क का निर्माण अब तक शुरू नहीं हुआ है. सड़क नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में दर्जनों गांव प्रभावित हो रहे हैं. विधायक पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है.
ग्रामीणों के हंगामे को शांत करने के लिए मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों, कर्मियों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जूझना पड़ा. कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों को सड़क निर्माण के लिए 11 करोड़ की स्वीकृत मिल जाने की जानकारी देते हुए शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन नाराज ग्रामीण नारेबाजी करते रहे. इसलिए हंगामे के बीच भूमिपूजन कार्यक्रम हुआ.
रामपुकार सिंह आठवीं बार पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं. वे अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ गठन के बाद अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे हैं. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद विधानसभा में उन्हें प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी दी गई थी. वे छत्तीसगढ़ अजजा सलाहकार परिषद् के उपाध्यक्ष का दायित्व निभा रहे हैं.
रामपुकार सिंह को 2023 में विधानसभा चुनाव के लिए पत्थलगांव से कांग्रेस का मजबूत दावेदार माना जा रहा है. लगभग चार दशक तक विधायक रहे रामपुकार का क्षेत्र में खासा सम्मान है. पहली बार उन्हें अपने क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा है.
विधायक रामपुकार सिंह ने विरोध प्रदर्शन को लेकर दैनिक भास्कर कहा कि जिस सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण आक्रोशित थे, उसकी मांग उन्होंने छह माह पूर्व की थी. मैंने तत्काल सड़क का सर्वे कराया. प्रस्ताव बनवाकर भिजवाया. सड़क बजट में शामिल हो गई है.
मैंने इस सड़क की जल्द प्रशासकीय स्वीकृति के लिए दो दिनों पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित विभाग के मंत्री और सीएस से चर्चा की थी. 11 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति और वित्त विभाग से स्वीकृति के बाद काम शुरू हो जाएगा.
रामपुकार सिंह ने कहा कि विरोध करने वाले अपने लोग ही हैं. वे पढ़े-लिखे समझदार लोग हैं. मैं उनके घर भी गया हूं. मैंने पूरी ईमानदारी से क्षेत्र के लोगों की सेवा की है. आज जो हुआ उसे लेकर दुख हुआ. मैं दुखी हूं.