छत्तीसगढ़ में PSC की परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ियों के बाद डॉ प्रवीण वर्मा को लोक सेवा आयोग का नया अध्यक्ष बनाया गया है. वर्मा इससे पहले आयोग में सदस्य की जिम्मेदारी निभा रहे थे. बता दें कि साल 2021-22 की सलेक्शन लिस्ट में पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के रिश्तेदारों का नाम होने की वजह से उन्हे आयोग से गुपचुप विदा कर दिया गया और अब उनकी जगह प्रवीण वर्मा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. वर्मा 16 जुलाई 2021 को PSC के सदस्य बनाए गए थे. वे मूलतः बेमेतरा के रहने वाले हैं और पूर्व विधायक डॉ. चेतन वर्मा के बेटे हैं.
राज्य लोक सेवा आयोग की PSC 2021-22 की सलेक्शन लिस्ट विवादों में घिरी है. आरोप भर्ती में फर्जीवाड़े और भाई-भतीजावाद का है. जिसे लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगी है और कोर्ट ने 13 नियुक्तियों पर रोक भी लगा दी है.
कोर्ट ने मामला सुनते ही नियुक्ति को हैरानी जताई, के में बहस के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि PSC सहित दूसरी संस्थानों में अधिकारी के बच्चों का चयन स्वाभाविक है, लेकिन ऐसा क्या संयोग है कि PSC के चेयरमैन के करीबी रिश्तेदारों का चयन हुआ है. यह बहुत गलत बात है. कोर्ट ने नियुक्ति रोकने के आदेश दिए हैं. इधर रिजल्ट जारी करने के बाद पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने पद छोड़ दिया था.
बेरोजगारी भत्ते को लेकर जहां कांग्रेस युवा वोट बैंक को साधने में जुटी हुई है वहीं PSC की भर्तियों में गड़बड़ी के मुद्दे पर बीजेपी कांग्रेस के मंसूबों पर पानी फेरने में जुट गई है. PSC का मुद्दा पहली बार सियासी रण में अहम होता दिख रहा है. BJP, कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए PSC का मामला भी उठा रही है. BJP इस मुद्दे को कितना तरजीह दे रही है, इसे इस तरह समझा जा सकता है कि जब केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने BJP का आरोप पत्र लांच किया तो उसमें भी प्रमुखता से PSC मामले का उल्लेख किया गया था. इससे पहले भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी राजधानी में हुंकार रैली में युवाओं को साधने के लिए PSC का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था.