छत्तीसगढ़ में इस बार इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, फार्मेसी, आर्किटेक्ट, M.tech, MBA, MCA की पढ़ाई में उम्र का बंधन खत्म किया गया. इससे किसी भी उम्र में पढ़ाई करने की छूट मिली है जिसका असर भी दिखा है. इस बार MBA में 38 साल उम्र तक के छात्रों ने एडमिशन लिया. इंजीनियरिंग में भी इस बार 50 से अधिक छात्र 35 वर्ष से ज्यादा के हैं.
जानकारों का कहना है कि उम्र का बंधन हटने से यह फायदा होगा कि आने वाले सालों में वे लोग भी तकनीकी कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे जिन्होंने किसी कारण से पढ़ाई छोड़ दी थी. पिछले साल तक अलग-अलग तकनीकी कोर्स के लिए 30 से 35 वर्ष अधिकतम आयु सीमा थी.
जानकारी के मुताबिक इस बार 78 वर्ष आयु के एक बुजुर्ग ने पॉलिटेक्निक में प्रवेश के लिए फॉर्म भरा था. लेकिन डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन के बाद उन्हें एडमिशन नहीं मिला. उधर, राज्य में BA, B.COM, BSC समेत अन्य PG कोर्स में कुछ वर्ष पहले ही उम्र का बंधन हटाया गया था. इसका असर एडमिशन पर पड़ा है. LLB की पढ़ाई में कई ऐसे छात्र हैं जो 45 वर्ष से अधिक के हैं. 40 प्लस वाले भी कई छात्र PG में नियमित छात्र के रूप में पढ़ाई कर रहे हैं.
राज्य के कई शिक्षण संस्थानों में संचालित तकनीकी कोर्स की इस बार भी आधी सीटें खाली रह गई. इंजीनियरिंग की करीब 10 हजार सीटें हैं. इसमें से 5400 सीटों में प्रवेश हुए हैं. MBA की 1710 सीटों में से 900 सीटें खाली रह गईं. पॉलिटेक्निक, फार्मेसी समेत अन्य में भी इस बार एडमिशन कम हुए हैं.
प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में MBBS में प्रवेश लेने वाले किसी भी छात्र की उम्र 25 साल से ज्यादा नहीं है. ज्यादातर छात्रों की औसत उम्र 20 से 21 साल की है. दरअसल, पिछले साल से नेशनल मेडिकल कमीशन ने NEET-UG देने वाले छात्रों की उम्र सीमा खत्म कर दी थी. पड़ताल में पता चला है कि आयु का बंधन खत्म होने के बाद भी 25 साल से अधिक उम्र के राज्य के किसी छात्र ने NEET-UG नहीं दिया.
जानकारों का कहना है कि जिन्हें MBBS कोर्स में एडमिशन लेना होता है, वे 25 वर्ष की उम्र के पहले ही कड़ी मेहनत कर इसमें सफल हो जाते हैं. पिछले साल 9 मार्च को अधिसूचना जारी कर NEET पात्रता के लिए 17 से 25 वर्ष की उम्र की बाध्यता को खत्म कर दिया था.