भले ही वित्त वर्ष 2022-23 और असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए बिना पेनाल्टी के ITR फाइल करने की डेडलाइन समाप्त हो चुकी है और 31 जुलाई तक देशभर के लगभग 6.5 करोड़ से ज्यादा करदाताओं ने अपना रिटर्न दाखिल कर दिया है. मगर आपके लिए आयकर का नियम जानना जरूरी है कि अगर आपने जल्दबाजी में रिटर्न दाखिल करते वक्त निवेश और रूम किराये से संबंधित गलत जानकारी दी है तो आपको 200 फीसद तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.
मालूम हो कि ITR दाखिल करते समय अकसर करदाता अपने निवेश और रूम किराये के बदले टैक्स छूट के लिए क्लेम करते हैं. टैक्स छूट पाने के लिए जरूरी है कि उन्हें अपने निवेश या रूम किराये का सही प्रूफ दें. अगर आप सही प्रूफ देते हैं तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन थोड़ी सी भी लापरवाही बरती है तो आयकर विभाग भारी जुर्माना लगा सकता है. यह भारी जुर्माना 200 फीसद तक हो सकता है.
आयकर विभाग द्वारा कई नौकरीपेशा व्यक्तियों को नोटिस जारी किया गया है. इसमें बहुत से करदाता ऐसे हैं, जिन्होंने गलत रेंट रिसिप्ट लगाकार टैक्स में छूट क्लेम किया है. आयकर विभाग द्वारा ऐसे लोगों की पहचान भी की जा रही है. अगर आप अपने माता-पिता के घर में रहकर टैक्स में छूट का क्लेम करते हैं तो ऐसे में आपके माता-पिता को अपने ITR में किराये की आय को दिखाना जरूरी है. ऐसा नहीं हुआ तो आयकर विभाग जुर्माने का नोटिस भेज सकता है. विभाग आयकर की धारा 270 ए के तहत लगने वाले कुल टैक्स का 200 फीसद जुर्माना लगा सकता है.
कर विशेषज्ञों के अनुसार करदाता किसी टैक्स छूट को क्लेम करने के बदले उसका सही प्रूफ नहीं दे पाता है तो आयकर विभाग इसे टैक्स चोरी का मामला समझकर कार्रवाई करता है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत अगर कोई व्यक्ति बिना किसी दस्तावेज के टैक्स छूट का लाभ लेना चाहता है तो उस पर टैक्स चोरी के तहत कार्रवाई की जा सकती है.