बिलासपुर में भितरघात के आरोप पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव त्रिलोकचंद्र श्रीवास ने शपथ पत्र के साथ नोटिस का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही हूं. बेलतरा का स्वाभाविक दावेदार होने के बाद भी अपमानित होता रहा. कांग्रेस ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था.
वहीं, तखतपुर कांग्रेस प्रत्याशी और संसदीय सचिव रश्मि सिंह ने त्रिलोकचंद्र का बचाव करते हुए पार्टी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा कि उसने मेरे साथ रहकर प्रचार किया है. जिसका मुझे और कांग्रेस को लाभ मिलेगा.
रविवार को त्रिलोक श्रीवास ने अपने समर्थकों के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय पहुंचकर नोटिस का जवाब दिया. एफिडेविट के साथ दिए जवाब में कहा कि वे कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही हैं. विधानसभा चुनाव के समय ईमानदारी के साथ कांग्रेस के उम्मीदवार को जिताने के लिए काम किया है.
तखतपुर विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई थी. उस जिम्मेदारी को उन्होंने गंभीरता के साथ निभाया है. बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के स्वाभाविक दावेदार होने के बाद भी मुझे टिकट नहीं मिला. इसके बाद भी मैंने कांग्रेस के पक्ष में कार्य किया.
प्रदेश में पाटन, साजा और कवर्धा विधानसभा समेत जहां-जहां प्रत्याशियों ने उन्हें आमंत्रित किया, वहां जाकर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में कार्य किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उन्हें तखतपुर विधानसभा का प्रभारी बनाया है. वहां 12 से अधिक दिन रहकर प्रत्याशी डॉ. रश्मि आशीष सिंह के पक्ष में कार्य किया.
त्रिलोक ने अपने जवाब में कहा कि वह कांग्रेस के प्रदेश और राष्ट्रीय पदाधिकारी रहे हैं. उनकी पत्नी बेलतरा से जिला पंचायत सदस्य हैं. छोटी बहू नगर निगम की पार्षद है. इसके बाद भी उन्हें या उनके परिवार को कभी भी बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में होने वाले मीटिंग और सभा सम्मेलनों की सूचना नहीं दी गई.
त्रिलोक श्रीवास ने कहा कि पार्टी की बैठकों और सम्मेलनों में उन्हें न बुलाकर उनके साथ लगातार असम्मान और उपेक्षा का व्यवहार किया जाता रहा है. त्रिलोक को भविष्य में पार्टी में कोई बड़ा पद न मिले, इसके लिए उन्होंने अपनी नाकामी का ठीकरा मुझ पर फोड़ने की तैयारी कर ली है या फिर मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाए हैं.
तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार व संसदीय सचिव रश्मि सिंह ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि त्रिलोकचंद्र श्रीवास ने उनके साथ रहकर पार्टी के पक्ष में कार्य किया है.