
रायपुर के माना निवासी जमीन कारोबारी सुरेंद्र साहू के मकान में चोरी बांग्लादेशी गिरोह के सदस्यों ने की थी. पुलिस का दावा है कि गिरोह का मास्टरमाइंड और उसका बेटा बांग्लादेश फरार हो गए हैं. इस गिरोह के पश्चिम बंगाल निवासी दो आरोपी गिरफ्तार तो हुए हैं, लेकिन पुलिस की कार्य शैली सवालों के घेरे में आ गई है.
आरोपी शहर में घूम-घूम कर कंबल बेचने का काम करते थे. इस दौरान वे मकानों की रेकी करते. इसी तरह आरोपियों ने सुरेंद्र साहू के मकान को निशाना बनाया. पुलिस दूसरे राज्यों से आने वाले और अस्थाई दुकानदारों की जांच का दावा करती है, लेकिन उसके पास 20 हजार लोगों के रिकॉर्ड नहीं हैं.
वेंडर पॉलिसी निर्माण करने के दौरान शहर में कारोबार करने वाले लोगों की जानकारी रायपुर नगर निगम के अधिकारियों ने सर्वे करके जुटाई थी. नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में शहर में 20 हजार से ज्यादा दूसरे राज्यों के कारोबारी हैं. ये स्टॉल, चलत गाड़ी और फुटपाथ में अपना कारोबार कर रहे है.
इनमें से 17 हजार से ज्यादा लोग चिह्नांकित स्थानों में अपना कारोबार कर रहे है. 3 हजार से ज्यादा लोग शहर में घूम-घूमकर अपना सामान बेच रहे है. ये आंकड़ा निगम के सर्वे में सामने आया है, लेकिन इनमें से अधिकांश लोगों ने अधिकृत रूप से इजाजत लेकर शहर में अपना कारोबार शुरू नहीं किया है.
पुलिस और निगम के अधिकारियों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो शहर में कारोबार कर रहा है, उसको निगम और लोकल थाने में पहले सूचना देनी है. इसके अलावा किरायेदार रखने वाले मकान मालिकों को भी संबंधित थाने में उनकी सूचना और दस्तावेज देने होते हैं.