रेलवे ने 26 सप्ताह का रोलिंग ब्लॉक पूरा कर लिया गया है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि विभिन्न सेक्शनों में चल रहे काम के पूरा होते ही ट्रेनों की लेटलतीफी काफी हद तक कम हो जाएगी. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रेललाइनों की मरम्मत और रखरखाव के लिए रोलिंग ब्लाक सिस्टम अपनाया है.
रेलवे ने 26 सप्ताह का रोलिंग ब्लॉक पूरा कर लिया गया है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि विभिन्न सेक्शनों में चल रहे काम के पूरा होते ही ट्रेनों की लेटलतीफी काफी हद तक कम हो जाएगी. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रेललाइनों की मरम्मत और रखरखाव के लिए रोलिंग ब्लॉक सिस्टम अपनाया है.
रेललाइनों में और भी कई प्रकार के मरम्मत के कार्य जैसे पुराने रेलों को बदलने, प्वाइंट एंड क्रासिंग, रेलवे पुलों आदि की भी मरम्मत व रखरखाव जैसे महत्वपूर्ण कार्यों की आवश्यकता को पूरी करने ट्रैफिक ब्लॉक की आवश्यकता होती है. इसके अलावा विद्युतीकृत रेललाइनों के ऊपर गुजरने वाली OHE विद्युत लाइनों की मरम्मत रेलवे के विद्युत ट्रैक्शन विभाग ब्लॉक करता है. सिग्नल, आटोमेटिक प्वाइंट, क्रॉसिंग, सिग्नल और दूरसंचार से संबंधित अन्य उपकरणों की मरम्मत व रखरखाव के लिए ब्लाक की आवश्यकता होती है.
अधिकारियों ने बताया कि ब्लॉक समय के दौरान दिन हो या रात, सर्दी, धूप हो या फिर बरसात कभी भी रेल के कर्मचारी ब्लॉक में मिले समय का सदुपयोग करते हुए संरक्षित रेल परिचालन का काम करते हैं, साथ ही साथ इसी समय में रेलवे लाइनों पर ट्रैकों की मरम्मत करने वाली मशीनों से भी काम लिया जाता है. रेललाइनों पर जितना जरूरी ट्रेनों का समय पर चलना है, उतना ही जरूरी रेल परिचालन में संरक्षा को सुनिश्चित करना भी है.