छत्तीसगढ़ को अपना पहला आदिवासी CM विष्णुदेव साय के रूप में मिल गया है. अब कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के लिए चर्चाएं शुरू हो गई हैं. पहले समीकरण था कि जो CM बनेगा उसके आधार पर नेता प्रतिपक्ष चुना जाएगा. अब आदिवासी CM बनने के बाद चर्चा है कि कांग्रेस OBC नेता प्रतिपक्ष चुनेगी.
2023 विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के पास वैसे तो 35 विधायक हैं लेकिन इनमें से 14 विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं. बाकी 21 में आधे से ज्यादा दूसरी बार विधायक बने हैं. इनमें एक भी अच्छा वक्ता नहीं है.
विधानसभा में नेता विपक्ष के लिए कांग्रेस को एग्रेसिव नेता की तलाश है. चरणदास महंत का नाम भी चर्चा में हैं लेकिन उनका शांत स्वभाव नेता विपक्ष के लिहाज से फिट नहीं बैठ रहा है. हालांकि महंत कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें ही विपक्ष का नेता चुना जाए. ये OBC चेहरा भी हैं.
वहीं उमेश पटेल भी केवल अपने विधानसभा तक ही सीमित हैं. ऐसे में वो भी इसमें फिट नहीं बैठ पा रहे हैं. OBC चेहरा ये भी हैं. इसके बाद पार्टी के पास दलेश्वर साहू और भोलाराम साहू का ही नाम बचता है. दलेश्वर का नाम भी चर्चा में है. विधानसभा में उनके सवाल चर्चा में रहते हैं. साथ ही OBC चेहरा हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान लगातार 2 बार से आदिवासी नेताओं के पास है. भूपेश बघेल के CM बनने के बाद मोहन मरकाम को PCC चीफ बनाया गया. मरकाम के बाद बस्तर सांसद दीपक बैज को अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी गई. अब कांग्रेस पार्टी OBC समाज को भी साधना चाहती है. यही वजह है कि नेता प्रतिपक्ष OBC समाज से हो सकता है.
कांग्रेस पार्टी के अंदर खाने यह चर्चा है कि पार्टी शीतकालीन सत्र से ठीक पहले अपना नेता चुनेगी. उससे पहले पार्टी में समीक्षा का दौर जारी रहने वाला है. बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर महीने में ही होता है.
कांग्रेस पार्टी को इस बार कुल 35 विधानसभा सीटों में जीत हासिल हुई. वहीं भाजपा ने 54 सीट पर जीत दर्ज की. जबकि गोंगपा ने 1 सीट जीती.