छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में कर्मचारियों के वेतन में 50 लाख रुपए का घोटाला हो गया. आरोप है कि राजिम नगर पंचायत में 43 कर्मचारी काम कर रहे हैं, लेकिन वेतन का भुगतान 53 को किया जा रहा है. 4 साल से यह फर्जीवाड़ा जारी है. इसका खुलासा (सूचना के अधिकार) RTI में मांगी जानकारी के बाद हुआ है.
नगर पंचायत में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए 43 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई. इनके वेतन का भुगतान प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए किया जा रहा है, लेकिन लिस्ट में 10 अतिरिक्त कर्मचारियों के नाम जोड़े गए. हालांकि CMO का कहना है कि वे सफाई कमांडो हैं, जिनका पेमेंट एजेंसी के साथ किया जा रहा है.
RTI कार्यकर्ता विनीत पारख ने बताया कि, सरकार से जारी नोट शीट के मुताबिक, नगर पंचायत में 43 कर्मचारियों की भर्ती होनी थी. इनमें कुशल, अर्धकुशल और अकुशल कर्मचारी शामिल हैं. अगर 10 अतिरिक्त में सफाई कमांडो हैं तो निर्देश के मुताबिक उनकी भर्ती के लिए ई-टेंडर होना था, फिर मैन्युअल कैसे किया गया.
पारख ने नगर पंचायत में निर्माण कार्य के टेंडर में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि, 6 जून 2022 को राजिम नगर पंचायत में निर्माण कार्य का टेंडर जारी हुआ था. नियमों के मुताबिक टेंडर को खोलने के लिए 30 दिनों की अवधि दी जानी चाहिए, लेकिन 23 नवंबर को ही 17 दिन में भर्ती प्रक्रिया पूरी कर दी गई.
नगर पंचायत राजिम के CMO अशोक सलामे ने इस पूरे मामले में कमीशनखोरी और घोटाले की बात से इनकार किया है. उनका कहना है कि, प्लेसमेंट एजेंसी के तहत सिर्फ 43 लोग ही कार्यरत हैं. बाकी 10 सफाई कमांडो हैं. उनका भी पेमेंट प्लेसमेंट के साथ किया जाता है. निर्माण कार्य के टेंडर में प्रकिया में अगर कोई गड़बड़ी हुई है तो जांच कराएंगे.