छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट 11 जनवरी को दौरे पर आ सकते हैं. प्रदेश प्रभारी बनने के बाद सचिन का यह पहला छत्तीसगढ़ दौरा होगा. वो यहां कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करेंगे और संगठन की पूरी जानकारी लेंगे. गुरुवार को कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बज ने भी दिल्ली में उनसे मुलाकात की थी.
दरअसल, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले सचिन को छत्तीसगढ़ का जिम्मा दिया है. राहुल गांधी की न्याय यात्रा भी छत्तीसगढ़ से गुजरेगी. प्रदेश के नेताओं के साथ होने वाली बैठक में इन विषयों पर भी चर्चा की जाएगी.
विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह उफान पर है. ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को खड़ा करना सचिन पायलट के लिए बड़ी चुनौती होगी.
चर्चा थी कि विधानसभा चुनाव के बाद पायलट राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. इन अटकलों पर रोक लगाते हुए कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को छत्तीसगढ़ भेजा है.
इसके पीछे कोशिश यही है कि लोकसभा में वो छत्तीसगढ़ में अधिक फोकस रखें. पायलट आक्रामक नेता की छवि वाले हैं. कांग्रेस मानती है कि छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसे ही लोगों की जरूरत है इसलिए उन्हें यहां भेजा गया है.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की बुरी हार के बाद कई पूर्व विधायकों ने कुमारी सैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पैसों की लेन-देन समेत ऑडियो-वीडियो वायरल होने जैसे गंभीर आरोप लगे थे. इसके अलावा टिकट कटने को लेकर भी सैलजा पर लगातार सवाल उठते रहे.
जिन विधायकों का टिकट काटा गया था, उन्होंने दिल्ली में कई नेताओं से सैलजा की शिकायत की. कई पूर्व विधायकों ने सैलजा के खिलाफ आलाकमान को सबूत देने तक की बात कही थी.