छत्तीसगढ़ के ट्रक और बस चालक हिट एंड रन कानून के विरोध में एक बार फिर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के आह्वान पर 65 हजार से अधिक चालक हड़ताल पर रहेंगे. इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन संघ भी ने समर्थन दिया है.
छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सेन ने बताया कि केंद्र सरकार के काले कानून के विरोध के साथ हम 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. हमारी प्रमुख मांग है कि सरकार ने जो ड्राइवर के खिलाफ कानून लाया गया है उसे वापस लिया जाए.
अध्यक्ष सेन ने बताया कि दिल्ली में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट से सरकार ने बात की है. जबकि जिन ड्राइवर के लिए कानून बनाया गया है, उनसे किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई है. जिस समय देश भर में ड्राइवर हड़ताल पर थे.
उस दौरान 28 राज्य के ड्राइवर यूनियन भी दिल्ली में जंतर मंतर पर आंदोलन करने गए थे. उस समय यूनियन में यह तय किया गया कि अगर सरकार अपना कानून वापस नहीं लेती है तो 10 जनवरी से सभी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे.
महासंगठन के उप महासचिव अभिराम क्षत्रीय ने बताया की केंद्र सरकार ने कानून के संबंध में जो बातचीत की है वह ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से की थी. ट्रांसर्पोटर खुद ड्राइवर का शोषण करते हैं. ड्राइवर की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है. उन्होंने कहा कि, ऐसे में ड्राइवर के दुख-दर्द और परेशानियों को कोई और नहीं बल्कि ड्राइवर ही समझ सकता है.
अध्यक्ष प्रीतम सेन ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे तेलीबांधा में सभी ड्राइवर इकट्ठा होंगे और गाड़ियों के मालिकों को चाबी सौंपी जाएगी. इस दौरान छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन संघ के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल और संघ से जुड़े गाड़ी मालिक मौजूद रहेंगे.
छत्तीसगढ़ में ड्राइवरों की हड़ताल से कारण बस ,ऑटो, स्कूल बस, समान ले जाने वाली माल वाहक गाड़िया, पेट्रोल, डीजल समेत तमाम हैवी व्हीकल गाड़ियों के पहिए थम जाएंगे.
*इन मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल*
• किसी भी आम नागरिकों के द्वारा ड्राइवर के साथ मार-पीट या अभद्र व्यवहार करने की स्थिति में कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान हो.
• सभी ड्राइवर का अगल से हेल्थ कार्ड जारी किया जावे, जिसमें देश के किसी भी निजी व शासकीय अस्पताल में गंभीर से गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क चिकित्सा प्रदान की जावे.
• ड्राइवर की आयु 50 वर्ष पूर्ण होने पर पेंशन लाभ दिया जाये.
• किसी भी दुर्घटना में ड्राइवर की मृत्यु होने पर ड्राइवर को शहीद का दर्जा और का शहीद प्रमाण पत्र दिया जाये.
• ड्राइवर या उसके परिवार को अलग से आवास योजना के अंतर्गत आवास प्रदान किया जाये.
• ड्राइवर की मृत्यु के होने या विकलांगता की स्थिति में पेंशन लाभ दिया जाये.
• दुर्घटना के दौरान ड्राइवर की मृत्यु होने पर 25 से 30 लाख रुपए का बीमा.
• किसी भी शासकीय नौकरी की भर्ती में ड्राइवर या उसके परिवार के सदस्यों को आरक्षण दिया जाये.
• शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत अलग से ड्राइवर के बच्चो को किसी भी निजी व शासकीय स्कूलों में निशुल्क शिक्षा प्रदान किया जाये.
• पुलिस प्रशासन की अवैध बन्द की जाए और उसमें रोक लगाई जाये.
• महीने के अंतिम दिन ड्राइवर को एक दिन का अवकाश दिया जाये.
• रोड पर 10 किमी के अंतर्गत शौचालय और विश्राम गृह की सुविधा प्रदान किया जाये.
• लाईसेंस के साथ साथ बीमा होना चाहिए.
• वाहन में सह चालक (कंडक्टर) अनिवार्य किया जावे.