प्रदेश के महात्मा गांधी उद्यानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा (पाटन) में 35 पदों पर सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. छात्र-छात्राओं की शिकायत पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने भर्ती प्रक्रिया को रोकने निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने 3 सदस्यीय समिति गठित कर 7 दिनों के भीतर जांच पूरा करने को कहा है. मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार करते हुए कहा कि किसी के कार्यकर्ता का चयन नहीं होगा तो उसके लिए नियम नहीं बना सकते हैं. वहीं मंत्री कह रहे हैं कि जो भी गड़बड़ी की है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
बता दें कि कांग्रेस की सरकार में यहां भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. बताया जाता है कि भर्ती की प्रक्रिया में मनमानी तरीके से दोषपूर्ण और नियम विरूद्ध प्रक्रिया की जा रही थी. इतना ही नहीं, भर्ती के लिए गठित प्रबंध मंडल में भी अनियमितता की शिकायत छात्र-छात्राओं ने कृषि मंत्री से की थी. प्रबंध मंडल में नामांकित व्यक्ति और विशेषज्ञ विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुरूप नहीं थे. मामले को संज्ञान लेते हुए मंत्री ने नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित कर दी है.
बताया जाता है कि सहायक प्राध्यापक के 35 पदों की भर्ती के लिए तैयार किए गए स्कोर कार्ड में भारी गड़बड़ी की शिकायत आई है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की गाइड लाइन के अनुसार PHD और नेट की परीक्षा के लिए पृथक-पृथक अंक देना था, जो कि नहीं किया गया था. इस कारण बड़ी संख्या में PHD उम्मीदवार उपलब्ध होते हुए भी गैर पीएचडीधारी अभ्यर्थियों का चयन और नियुक्ति की गई थी.
विद्यार्थियों ने शिकायत में कहा कि सहायक प्राध्यापक की चयन समिति के गठन में भी दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाई गई थी. विश्वविद्यालय की चयन समिति में कुलसचिव द्वारा साक्षात्कार के अंक दिए गए थे, परंतु कुछ अभ्यर्थियों के चयन में कुलसचिव को अंक देने से रोक दिया गया था. बता दें कि वर्तमान में कुलसचिव डॉ. आरएल खरे और कुलपति डॉ. आरएस कुरील हैं.
छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री, रामविचार नेताम ने कहा कि हमें महात्मा गांधी उद्यानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक भर्ती के मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें मिली हैं. जांच के निर्देश दिए हैं. जिन्होंने गड़बड़ी की है उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
महात्मा गांधी उद्यानिकी व वानिकी विवि सांकरा के कुलपति डॉ. आरएस कुरील ने कहा कि हमने तो नियमों का पालन करके ही भर्ती की है. किसी कार्यकर्ता को चयन करने के लिए तो नियम नहीं बना सकते हैं. हमने भर्ती प्रक्रिया के दौरान दावा आपत्ति मांगी थी. जो भी आपत्ति आई थी, उनका निराकरण भी किया है.