
छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 की एंट्री के साथ ही 25 मरीजों में यही वायरस मिला है. एम्स की वायरोलॉजी विभाग से गुरुवार की शाम नए वैरिएंट की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है. लैब में 40 से ज्यादा मरीजों के सैंपल की जांच की गई थी. इनमें दो दर्जन से ज्यादा में नया वैरिएंट मिला है.
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है सभी मरीजों की हालत खतरे से बाहर है. वैरिएंट की जांच के लिए मरीजों के सैंपल 15 दिन पहले भेजे गए थे. जिन मरीजों की रिपोर्ट अभी आई है, उनमें ज्यादातर आईसोलेशन का पीरियड भी गुजार चुके हैं.
जेएन-1 के मरीज देश के कई राज्यों में मिल चुके हैं और इसे तीसरी लहर में फैले ओमिक्रॉन से भी हल्का माना जा रहा है. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एम्स से रिपोर्ट आने के बाद सभी जिलों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है. शुक्रवार से OPD में संदिग्धों की जांच बढ़ाने के निर्देश भी दे दिए गए हैं.
छत्तीसगढ़ में अभी कोरोना के 112 एक्टिव मरीज हैं. सबसे अधिक मरीज रायपुर में मिले हैं. यहां 44 मरीजों का इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार 18 नए मरीज मिले हैं. सबसे अधिक चार-चार मरीज सुकमा व रायगढ़ में मिले हैं. बस्तर व बालोद में 3-3, दुर्ग, बेमेतरा, कांकेर और बलौदाबाजार में एक-एक संक्रमित मिला है.
कोरोना आईसीयू प्रभारी डाॅ. ओपी सुंदरानी ने बताया कि अभी तक जितने भी पेशेंट आए हैं उनमें किसी तरह की कोई दिक्कत सामने नहीं आई है. सांस लेने में तकलीफ वाले इक्का-दुक्का पेशेंट ही हैं, लेकिन वे सभी खतरे से बाहर हो चुके हैं. स्वस्थ लोगों में ये वैरिएंट ज्यादा इफेक्ट नहीं कर रहा है. लेकिन परहेज जरूरी है. कोमाॅर्बिलिटी यानी जिन्हें अलग-अलग तरह की गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी की जरूरत है. देश के अन्य राज्यों में भी यही ट्रेंड देखने में आया है.