छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु साय ने गृह विभाग की हाई लेवल मीटिंग ली. इस बैठक में 3 नए क्रिमिनल जस्टिस कानून को लागू करने पर चर्चा की गई. इस दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि, 150 साल पुराने ब्रिटिश संसद में पास हुए कानून पूरे भारत में लागू थे. इसकी जगह अब नए कानून बनाए गए हैं.
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, DGP अशोक जुनेजा, गृह विभाग के अपर सचिव मनोज कुमार पिंगुआ भी मौजूद रहे. नए कानून को लागू करने के लिए बनाई गई कार्ययोजना को विभाग ने मुख्यमंत्री के सामने रखा. इस पर मुख्यमंत्री ने भी विभाग से कहा कि, इसके लिए कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी.
इस बैठक के बाद गृहमंत्री शर्मा ने कहा कि, भारत में 150 साल पुराने कानून जो ब्रिटिश संसद में पास हुए थे उसी से पूरी प्रक्रिया चल रही थी. इसमें IPC (इंडियन पीनल कोड), CRPC (क्रिमिनल प्रोसीजर कोड) की जगह नए कानून भारतीय आत्मा को ध्यान में रखते हुए बने हैं. लोकसभा-राज्यसभा में पारित करने के बाद में पास कर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिया है. इन नए कानूनों का विभागीय प्रशिक्षण भी होगा.
आगे गृहमंत्री ने कहा कि ये सभी कानून आधुनिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. इस कानून से जुड़ी पूरी कार्य योजना को बनाकर विभाग ने मुख्यमंत्री के सामने रखा. इसके बाद CM ने विभाग को आश्वस्त किया है कि वे कानून लागू करने की बेहतर तरीके से कोशिश जारी रखें. सरकार उनके साथ है.
केंद्र सरकार ने हाल ही में 3 कानून संसद के शीत कालीन सत्र में पारित किए हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को कानूनों को अपनी सहमति दे दी. नए कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे.
ये 3 नए कानून क्रिमिनल जस्टिस कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) को अधिसूचना के बाद 1 साल के भीतर पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा. इसके बाद नए कानूनों के तहत आपराधिक मामले दर्ज किए जा सकते हैं.
इन कानूनों से जुड़े कुछ फैक्ट-
- IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 रहेंगी.
- कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे. IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी. 175 धाराएं बदलेंगी. 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी.
- इसी तरह CrPC में 533 धाराएं बचेंगी. 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी. पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था.
- फैसलों में तेजी आएगी. देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं. इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं.
- इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं.
भारतीय न्याय संहिता में 20 नए अपराध जोड़े गए-
- भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं.
- ऑर्गनाइज्ड क्राइम, हिट एंड रन, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान.
- डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं.
- IPC में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है.
- 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है.
- 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है.
- 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है.