बस्तर में नक्सली भी आतंकियों की तरह फोर्स पर हमला करने और छिपने के लिए स्ट्रैटजी बनाने लगे हैं. इंद्रावती नदी के पार बीजापुर-दंतेवाड़ा की सीमा पर अपने कोर इलाके में माओवादियों ने घने जंगल में 80 मीटर लंबा बंकर (सुरंग) बनाया है. यह सुरंग करीब 10 फीट गहरी और 3 फीट चौड़ी है, जिसमें करीब 100 नक्सली हथियारों के साथ आसानी से छिप सकते हैं.
माओवादियों के बनाए बंकर का वीडियो भी सामने आया है. बताया जा रहा है कि करीब 2 से 3 महीने पहले ही नक्सलियों ने इसे बनाया है. हालांकि, दंतेवाड़ा पुलिस सर्चिंग करते हुए नक्सलियों के इस बंकर तक पहुंच गई और इसे ध्वस्त कर दिया है. पुलिस की माने तो फिलिस्तीन, ईरान और इराक जैसे देशों में आतंकवादी इसी तरह के बंकर का इस्तेमाल करते हैं.
दंतेवाड़ा पुलिस को सूचना मिली थी कि इंद्रावती नदी पार रोतड़ पिंडकापाल, बोडगा और ताकिलोड़ इलाके में हार्डकोर नक्सली कमांडर मल्लेश समेत 25 से 30 नक्सली मौजूद हैं. इसी सूचना के आधार पर दंतेवाड़ा से DRG, बस्तर फाइटर्स, CRPF जवानों का एक संयुक्त ऑपरेशन लॉन्च किया गया था. जवान सर्चिंग करते हुए इंद्रावती नदी पार नक्सलियों के इस ठिकाने पर पहुंचे.
जवानों के आने की खबर मिलने के बाद नक्सलियों ने उन्हें निशाना बनाने के लिए एंबुश लगाया था फोर्स पर नक्सलियों ने गोलीबारी की, BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) दागे. हालांकि, समय रहते जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया. जिसके बाद दोनों तरफ से करीब 20 से 25 मिनट तक गोलीबारी हुई. जवानों ने नक्सलियों को खदेड़ दिया.
मुठभेड़ रुकने के बाद इलाके की सर्चिंग की गई, जिसमें कई जगह खून के धब्बे मिले. पुलिस ने दावा किया है कि मुठभेड़ में कई नक्सली घायल हुए हैं. वहीं, लौटते समय जवानों को नक्सलियों के बनाए करीब 4 शहीद स्मारक दिखे. पास में ही नक्सलियों के लगाए स्पाइक होल भी मिले, जिन्हें जवानों ने ध्वस्त कर दिया.
इलाके की जब और सर्चिंग की गई तो पत्तों से ढका हुआ नक्सलियों का बंकर मिला. इस बंकर के अंदर घुसकर जवानों ने सर्चिंग की. ASP आरके बर्मन ने बताया कि, बंकर की लंबाई करीब 70 से 80 मीटर है, जिसमें आसानी से 80 से 100 नक्सली छिप सकते हैं. जवानों ने इसे भी ध्वस्त कर दिया है.
पिछले करीब 40 सालों से बस्तर में नक्सली पुलिस को नुकसान पहुंचाने और अपने छिपने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं. ये पहली बार है जब नक्सलियों का बनाया बंकर पुलिस को मिला है. इस बंकर का इस्तेमाल मुठभेड़ के बाद छिपने, हथियार और राशन छिपाने के लिए आसानी से किया जा सकता था. पुलिस की माने तो यह बंकर करीब 3 महीने पुराना है. जिसे बनाने में करीब 1 महीने का वक्त लगा होगा.