राजधानी के सिविल लाइंस थाना की पुलिस ने दूधमुंहे बच्चे की खरीद-फरोख्त करने के आरोप में तीन महिला और तीन पुरुष को गिरफ्तार किया है. गर्भवती महिलाओं की तस्वीर भी इनके फोन में मिली है. इससे पुलिस को अंदेशा है कि यह फोटो दलालों को भेजकर गर्भस्थ बच्चों का सौदा करते हैं. उनमें से कई के बच्चा खरीद फरोख्त करने के पुराने रिकार्ड भी पुलिस को मिले हैं. पुलिस उन लोगों के रिकार्ड तस्दीकी करने की बात कह रही है.
उल्लेखनीय है कि कि कलेक्ट्रेट के पास बच्चा गोद लेने फर्जी गोदनामा तैयार करने पहुंची यशोदा नायक और सुशीला नायक को गिरफ्तार किया. उनके निशानदेही पर पुलिस ने दुर्ग निवासी नीलकंठ साहू, सरस्वती साहू, योगेश साहू और दिलीप साहू को गिरफ्तार किया. यशोदा शंकर नगर स्थित एक निजी अस्पताल में आया का काम करती है. पुलिस सुशीला व यशोदा को घटना का मास्टर माइंड बता रही है. आरोपितों से पुलिस ने शनिवार को दिन भर पूछताछ की. पूछताछ के दौरान आरोपित बार-बार बयान बदल रहे हैं.
पुलिस के अनुसार बच्चा बेचने के आरोप में जो लोग पकड़े गए हैं, वे अपने ऐसे करीबी को देखते थे, जो आर्थिक रूप से कमजोर हों. इसके अलावा उनके दो से ज्यादा बच्चे होते थे, उन्हें पैसों की लालच देकर बच्चा बेचने के लिए प्रेरित करते थे. बच्चा बेचने राजी होने के बाद आरोपित ग्राहक तलाशते थे. इसके लिए वाट्सएप ग्रुप बनाकर रखा था. बच्चे के स्वजनों को एक से डेढ़ लाख रुपये देने की बात करते थे. वहीं, खरीदार को ₹5-7 लाख में बेचने की बात होती थी.
यशोदा नायक महिला प्रसूती गृह में काम करती थी. प्रसूती गृह में कई ऐसे दंपती जिनका बच्चा नहीं हो रहा है, उनको अपने झांसे में लेती थी. इसके बाद वो उन्हें बच्चा गोद लेने के लिए प्रेरित करती थी. दंपती के राजी होने के बाद वह उन्हें सुरक्षित तरीके से बच्चा गोद दिलवाने के लिए पूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर गोदनामा तैयार कर बच्चा दिलवाने का आश्वासन देती थी. इसके बाद वह गिरोह से जुड़े अन्य लोगों से संपर्क कर दूधमुंहे और नवजात बच्चा बेचने के लिए मां-बाप तलाशते थे. वहीं, अब पुलिस यशोदा जिस अस्पताल में काम करती थी वहां पर भी जांच करेगी. इसके साथ ही यह भी देख रही है कि वह कब से काम पर है. कहीं वहां से बच्चों चोरी जैसी घटनाएं तो नहीं हुई हैं.
आरोपितों ने मोबाइल फोन से डेटा डिलिट कर दिया है. पुलिस उसे रिकवर कर रही है. आरोपितों के मोबाइल के कांटेक्ट लिस्ट में राज्य के अलावा ओडिशा और महाराष्ट्र के कुछ संदिग्ध लोगों के नाम मिले हैं. पुलिस लिस्ट अब पड़ताल करने की बात कह रही है. कॉन्टैक्ट लिस्ट में जो नाम मिले हैं आरोपित उन नामों को अपने स्वजन तथा करीबी का होना बता रहे हैं, लेकिन पुलिस को उनकी बातों पर यकीन नहीं है.