अपने समय का, अपनी शक्ति का, संपत्ति का, संसाधनों का सदुपयोग करने वाला मनुष्य ही जीवन में उपलब्धि अर्जित कर पाता है. जो यह नहीं कर पाता वो संसार में यूं ही भटकता रहता है. यह बातें परम पूज्य मुनि प्रमाण सागर जी महाराज ने रविवार को जशपुर के स्थानीय जैन मंदिर में आयोजित विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए कही.
मुनि प्रमाण सागर ने कहा कि हमारे जीवन की सार्थकता मौज मस्ती में नहीं, भोग विलास में नहीं बल्कि धर्म ध्यान और संयम साधना करने में है. जिससे हम जीवन मूल्यों को उद्घाटित कर अपनी जीवन शैली को बेहतर बना सके. शनिवार को सुबह झारखंड की ओर से प्रवेश कर मुनिश्री रविवार को सुबह पहली बार यहां पहुंचे.
जहां जैन समाज के हर वर्ग के लोगों ने भारी उमंग उत्साह के साथ उनका भव्य स्वागत किया. बैंड बाजा, ढोल नगाड़े और जशपुर के परम्परागत नृत्य के साथ मुनि संघ के स्वागत का आयोजन अत्यंत अद्भुत अविश्वसनीय, अकल्पनीय लग रहा था.
गिरांग मोड़ पर बने प्रवेश द्वार से लेकर जैन मंदिर तक लगभग 2 किलोमीटर के पूरे मार्ग को आकर्षक रंगोली से सजाया गया था. इस बीच आने वाले जैन समुदाय हर व्यक्ति के घर के सामने उनके चरण पखार कर और आरती उतार कर वंदन किया गया.
जैन मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया था. जहां छत्तीसगढ़ के जशपुर, कुनकुरी, बगीचा, सन्ना चिरमिरी, अकलतरा, रायगढ़ के अलावा ओडिशा के झारसुगुड़ा, झारखंड के रांची, रामगढ़, हजारीबाग और अन्य स्थानों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने मुनि श्री को श्रीफल अर्पित कर आगमन के लिए निवेदन किया.
मंदिर प्रांगण में बने मंच पर प्रमाणिक पाठशाला के छोटे छोटे बच्चों द्वारा गुरू के समक्ष दी गई प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया. पारस TV चैनल के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित होने वाले शंका समाधान के नियमित कार्यक्रम का प्रसारण भी रविवार को जशपुर जैन मंदिर प्रांगण से किया गया.
जशपुरन जैन मुनिश्री 108 प्रमाण सागर महाराज को छत्तीसगढ़ सरकार ने राजकीय अतिथि घोषित किया है. सरकार की इस निर्णय से उत्साहित जैन समाज ने मुख्यमंत्री विष्णदेव साय और भाजपा के वरिष्ठ नेता कृष्ण कुमार राय का आभार जताया है.
बता दें कि मुनिश्री 108 प्रमाण सागर महाराज ने 30 मार्च 1988 को दीक्षा प्राप्त की थी. शिखर जी में इनके द्वारा भव्य मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. मुनि प्रमाण सागर जी महाराज, अपने गुरु विद्यासागर जी महाराज का दर्शन करने के लिए डोंगरगढ़ जा रहे हैं. इसी सिलसिले में उनका जशपुर आगमन हुआ.