कांग्रेस कार्यकाल में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने करीब 300 करोड़ रुपए हवा में उड़ा दिए, यानी कि अपनी हवाई यात्रा पर खर्च किए हैं. यह तथ्य निकाल कर आया है छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पिछली सरकार के समय हुए सरकारी, प्राइवेट, हेलीकॉप्टर और चार्टर प्लेन के खर्च का लिखित ब्योरा दिया है.
विधानसभा में विधायक राजेश मूणत ने सवाल पूछा कि प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से नवंबर 2023 तक हेलीकॉप्टर और विमान के लिए कुल कितना भुगतान किया गया. इसमें निजी हेलीकॉप्टर और विमान सेवा के लिए कितनी राशि दी गई. मूणत ने जानकारी मुख्यमंत्री से इस वजह से मांगी क्योंकि वर्तमान में विमानन विभाग CM साय के पास ही है.
लिखित जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में अलग-अलग एजेंसी को दी गई रकम की जानकारी दी. 1 जनवरी 2019 से नवंबर 2023 तक दिल्ली, गुड़गांव, रायपुर की कई प्राइवेट एजेंसी से भी चार्टर प्लेन और हेलीकॉप्टर तब की कांग्रेस सरकार ने किराए पर लिए थे. प्रदेश के सरकारी हेलीकॉप्टर में भी मेंटेनेंस, उसके कुछ पार्ट्स खरीदने में बड़ा खर्च किया गया है.
1 जनवरी 2019 से नवंबर 2023 तक प्रदेश में सरकार कांग्रेस की थी. इसी दौरान चुनावी अभियान भी थे. प्रदेश के हर हिस्से में खूब हैलीकॉप्टर लैंड और टेकऑफ हुए. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस सरकार ने इस अवधि में सरकारी हेलीकॉप्टर के मरम्मत स्पेयर पार्ट की खरीदी और मेंटेनेंस में 19 करोड़ 62 लाख 33560 रुपए खर्च हुए किए.
सरकारी विमान (प्लेन) में इसी दौरान 14 करोड़ 76 लाख 15 हजार 520 मेंटनेंस और पार्ट्स पर खर्च किए गए.
कांग्रेस सरकार ने निजी हेलीकॉप्टर को शासकीय यात्राओं में इस्तेमाल करने दौरे के लिए ले जाने पर किराए के रूप में 1 अरब 90 करोड़ 61 लाख 93 हजार 891 रुपए खर्चे हैं. प्राइवेट चार्टर विमान में सरकारी यात्राओं और प्रवास के लिए 73 करोड़ 65 लाख 54 हजार 800 दिए गए हैं. कुल लगभग 2 अब 98 करोड़ 65 लाख 97 हजार 771 रुपए हवाई मामले में खर्चे गए हैं.
ब्लैकबर्ड एवियशन प्राइवेट लिमिटेड रायपुर, ओसएसएस एयर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली, एयर किंग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली, ढिल्लन नेविगेशन प्राइवेट लिमिटेड गुड़गांव हरियाणा, IFSALइंडिया फ्लाइसेफ एवियशन लिमिटेड नई दिल्ली, विंग्स एवियशन प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद, CG एविएटर रायपुर को पिछली सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों, चुनावी दौरों के लिए करोड़ों में भुगतान किया है.
विधानसभा में एक और सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने जो जवाब दिया वो अहम है. बस्तर कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड की कार्ययोजना पर भी सवाल उठा. विधानसभा में कांग्रेस से विधायक लखेश्वर बघेल ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री बताने की कृपा करेंगे कि बस्तर क्षेत्र के शिक्षित युवा बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए.
बस्तर कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड को निरंतर रखने का क्या सरकार विचार कर रही है. इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा है कि बस्तर कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड को जारी रखने के लिए सरकार विचार नहीं कर रही है. ये बोर्ड अब बंद कर दिया जाएगा.