छत्तीसगढ़ विधानसभा में हसदेव के जंगल में पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. विपक्ष के सदस्य हंगामा करते करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया. दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद भी विपक्ष नहीं पहुंचा.
विपक्ष ने सदन में स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की थी, जिसे स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया. इसके बाद विपक्षी विधायकों ने गर्भगृह में जमकर नारेबाजी की. जिसके बाद नारेबाजी करने वाले विधायक निलंबित हो गए.
मामले में विपक्ष ने दोबारा चर्चा की मांग की. इस पर BJP विधायक सुशांत शुक्ला ने पुरानी सरकार से कुछ सवाल किया तो पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि BJP सदस्य चाहते हैं तो इस पर चर्चा होनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- आसंदी की व्यवस्था आने के बाद भी विपक्ष की मांग उचित नहीं है. सदन में चर्चा के पर्याप्त मौके मिलेंगे.
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा- हसदेव क्षेत्र में सभी कोल ब्लॉक रद्द करने को लेकर इस सदन में ही 26 जुलाई 2022 को संकल्प पारित किया गया. केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया था, इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. सरकार बनने और मुख्यमंत्री बनने से पहले ही वन विभाग ने हसदेव में 15 हजार 307 पेड़ काटने की अनुमति दे दी.
विधानसभा ने अशासकीय संकल्प पारित कर दिया था. इसके बाद भी इस तरह का आदेश जारी करना दुखद है. ये गंभीर समस्या है. हसदेव के खत्म होने से बांगो बांध का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- इसी सदन में सर्व सम्मति से अशासकीय संकल्प पारित किया गया था. इसके बाद भी कटाई की अनुमति दे दी गई. ये कौन सी अदृश्य शक्ति है जिसने पेड़ों की कटाई की अनुमति दे दी गई. इससे वन्य जीव प्रभावित होंगे. स्थानीय आदिवासी प्रभावित होंगे. बांगो बांध प्रभावित होने की वजह से कई जिलों में सिंचाई पर असर होगा.
कांग्रेस विधायक कुंवर निषाद और विक्रम मंडावी ने कहा- जंगल खत्म होने से जन जीवन प्रभावित होगा। हसदेव में हाथी मानव द्वन्द चल रहा है. क्षेत्र के आदिवासी अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. आदिवासियों के जल जंगल और जमीन पर खतरा मंडरा रहा है.
कांग्रेस विधायक अनिला भेंडिया ने कहा- उद्योगपतियों के लिए जंगल काटा जा रहा है. केंद्र और राज्य में BJP की सरकार है. हसदेव को बचाने और आदिवासियों के संरक्षण के लिए काम करना चाहिए. विधायक अंबिका मरकाम ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री आदिवासी हैं. हसदेव में आदिवासियों का सबसे बड़ा नुक़सान हो रहा है. हम मानते हैं कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने का लाभ मिलना चाहिए था.
अटल श्रीवास्तव ने कहा- आदिवासियों की जमीन उजाड़ने का काम किया जा रहा है. पुलिस के पहरे में पेड़ों की कटाई हो रही है. कंपनी को दिये गये MDO में ये स्पष्ट रूप से लिखा है कि सालों तक कोल का खनन किया जा सकता है. फिर एक नये ब्लॉक की क्या जरूरत?
लालजीत सिंह राठिया ने कहा- आदिवासी मुख्यमंत्री राज्य के आदिवासियों का सुरक्षा कवच हैं. उन्हें आदिवासियों की इस समस्या का निराकरण करना चाहिए. हसदेव की कटाई से बांगो बांध पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
हर्षिता बघेल और सावित्री मंडावी ने कहा- हसदेव को केंद्र और राज्य का मुद्दा ना बनाकर आदिवासियों के हित में फैसला लिया जाना चाहिए. हमारे पूर्वजों ने हजारों सालों से इस जंगल को बचाकर रखा है. ये वन्य जीवों के साथ साथ आदिवासी संस्कृति को खत्म करने जैसा है.
राघवेंद्र सिंह ने कहा- वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया था कि हसदेव क्षेत्र के किसानों की कमाई 160 फ़ीसदी बढ़ी है. ये सघन क्षेत्र के जंगल हैं. खड़गवा क्षेत्र में वन अधिकार पट्टे बंटे हैं. पर्याप्त कोयला है, इस भंडार से काम चल सकता है. इसके बाद भी पेड़ काटने की अनुमति गंभीर मुद्दा होगा.
BJP विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा- नेता प्रतिपक्ष ने हसदेव के लिये उस वक्त मुझे विशेष अनुमति दी थी, जब वह खुद आसंदी पर बैठे थे. बिसाहू दास महंत, रामचंद्र सिंहदेव जैसे नेताओं ने बांगो बांध की कल्पना की थी. सारे विकास के काम गंगरेल में हो रहे थे, बागों में नहीं हो रहे थे.
जो आज आदिवासी हितों को रक्षा की बात कर रहे हैं, उनमें से एक आदमी भी बोलने खड़ा नहीं हो रहा था. मैंने ये भी कहा था कि राहुल गांधी जब मदनपुर आए थे, तब जिस चबूतरे में बैठे थे वहां के किसानों की जमीन बेदखल करने का आदेश भी पिछली सरकार ने दिया था.
पिछली सरकार ने तीन आदेश देकर पेड़ों को आरी देने का काम किया था. ये काम विष्णुदेव साय सरकार ने नहीं किया है. उस दिन मैं चीख-चीखकर कह रहा था कि पेड़ों की कटाई के सभी आदेशों को रद्द कर दिया जाए. उस दिन ही सख्ती से सरकार अपने सभी आदेशों को रद्द कर देती तो ज्यादा बेहतर होता.
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा- आसंदी पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाए तो ये चिंता का विषय है. देश में साढ़े 3 लाख मीट्रिक टन कोयले का भंडार है, जो हसदेव क्षेत्र के बाहर हैं. हसदेव को बचाकर भी कोयले की जरूरत पूरी की जा सकती है. हसदेव में सौ से ज्यादा किस्मों की वनस्पति है. सैकड़ों तरह के जीव-जंतु हैं.
BJP विधायक राजेश मूणत ने कोल परिवहन और उससे संबंधित परमिट और स्वीकृति का मामला ध्यानाकर्षण के जरिए सदन में उठाया. इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवाब देते हुए कहा- इससे संबंधित मामले में ED भी जांच कर रही है.
राजेश मूणत ने कहा-खनिज विभाग के किस अधिकारी ने और किसकी सहमति से ऑनलाइन प्रक्रिया चल रही थी उसमें संशोधन को हरी झंडी दी? कोल परिवहन के नाम पर अवैध वसूली का खेल चला. कौन-कौन अधिकारी जांच के घेरे में हैं और कार्रवाई हुई है?
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा- बगैर परिवहन पास लिए परिवहन किया जा रहा था. संचालक समीर विश्नोई ने 2020 में नए निर्देश दिए थे, जो जेल में है. एंटी करप्शन ब्यूरो में भी मामला विवेचनाधीन है.
राजेश मूणत ने कहा- ऐसी क्या वजह थी कि ऑनलाइन प्रक्रिया को ऑफलाइन किया गया? क्या डायरेक्टर ऑफलाइन करने के लिए अधिकृत हैं? क्या भारसाधक मंत्री से अनुमति ली गई? क्या ये केस CBI को सौंपा जाएगा और ऑफलाइन प्रक्रिया को ऑनलाइन करेंगे?
इस पर मुख्यमंत्री ने सदन में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा- खनिज विभाग के संचालक ने सरकार से अनुमोदन नहीं लिया था. हमारी सरकार सुशासन के लिए संकल्पित है. मैं तात्कालीन संचालक की ओर से 2020 में लिए गए फैसले को रद्द करता हूं.
विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा- मुख्यमंत्री ने बहुत बड़ी घोषणा की है. ऑफलाइन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है.
2 करोड़ रुपए के अवैध टेंडर के मामले को BJP विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में उठाया. उन्होंने कहा- देश में पहली बार जादू से सड़क बन गई. इस सड़क से मुख्यमंत्री की, नेताओं की, अफ़सरों की गाड़ियां चलती हैं. वह कौन सा आदमी है, जिसके जादू के प्रभाव में इधर-उधर सभी है. अजय चंद्राकर ने पूछा- नेशनल हाईवे पर रोड बना रहे थे. इससे पहले क्या अनुमति ली गई थी.
इस पर PWD मंत्री अरुण साव ने कहा कि 13 जून 2022 को नगर निगम ने NHAI को पत्र लिखा था. NHAI के जवाब के बाद अफसरों की टीम ने मौके का जाया भी लिया था. काम कौन कर रहा है, ये पता नहीं चला लिहाजा, काम को निरस्त कर दिया गया. नगर निगम के अनटाइड फंड से इसका निर्माण किया जा रहा था.
मंत्री अरुण साव ने सदन में संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति बनाकर जांच कराने और गड़बड़ी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की. जिसके बाद अजय चंद्राकर ने कहा कि 2 करोड़ के टेंडर को 10 टुकड़ों में किया था. जांच समिति में रायपुर शहर के विधायकों को भी शामिल किया जाए.
तखतपुर से BJP विधायक धर्मजीत सिंह ने सदन में जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन का पूरा काम नहीं हो पा रहा है और गड्ढा खुदा हुआ है. कहीं पूरा काम नहीं हो रहा है। इस पर ठोस जवाब चाहिए. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि जल तरल होता है, आपको कितना ठोस जवाब चाहिए.
इस पर धर्मजीत सिंह ने कहा- आश्वासन ठोस होना चाहिए, क्योंकि पानी के समान दिया आश्वासन बह जाता है और निकल जाता है. तखपुर की विधायक ने दावा किया है कि पिछले 5 सालों में विकास की गंगा बही है, मैं गंगा खोजने आया हूं, लेकिन गंगा का अता-पता नहीं है.
BJP विधायक लता उसेंडी ने भी प्रश्नकाल के दौरान सदन में जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जिन गांवों में काम पूरा होना बताया जा रहा है, वहां काम अधूरा है, उन पर कार्रवाई करेंगे क्या? इस पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि गांव की जानकारी दें, काम शुरू करेंगे.
उप मुख्यमंत्री और PWD मंत्री अरुण साव ने कहा कि ये सही है कि अव्यवस्था थी. कई जगह गड्ढे खोदकर छोड़ दिए थे, लेकिन मैं आश्वस्त करता हूं कि जिस बड़े उद्देश्य को लेकर ये योजना बनाई गई है, उसमें जल्दी काम हो, गुणवत्तापूर्ण काम हो, सरकार ये सुनिश्चित करेगी.
विधायक धर्मजीत सिंह ने मरवाही वन मंडल में अधिकारियों की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि मरवाही इकलौता वन मंडल था, जहां रेंजर-एसडीओ DFO के पद पर बैठे थे. ये इतना बड़ा मामला है कि जांच के लिये दुबई तक जाना होगा. ED की तरह जांच का दायरा बढ़ाना होगा.
इस पर वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा- ये पूरा मामला हमारे संज्ञान में आया है. सभी मामलों में जल्द से जल्द जांच पूरी कर कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस विधायक अंबिका मरकाम ने भारत माला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम 6 लेन में पेड़ कटाई का मामला सदन में उठाया. उन्होंने पूछा कि इसके लिए कितने वृक्षों को काटा गया है? काटने की अनुमति कब और किससे ली गई ? कितने भूस्वामियों को मुआवजा दिया गया है.
सवाल का जवाब देते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि इसके लिए 64 हजार 217 वृक्षों को काटा गया है. सिहावा विधानसभा के अंतर्गत 12 करोड़ 59 लाख 2147 रुपए का मुआवजा दिया गया है.