छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में फंसे पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अफसरों और नेताओं पर बुधवार को EOW ने FIR दर्ज की है. आरोप है कि पद पर रहते हुए इन सभी ने भाई-भतीजों का बड़े पदों पर चयन कराए.
भाजपा ने इस मामले को चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था. साथ ही कहा था कि सरकार आएगी तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद इसे भाजपा ने अपने आरोप पत्र में शामिल किया था. ऐसा पहली बार हुआ था, जब विधानसभा चुनाव में PSC की भर्ती मुद्दा बनी थी.
पूर्व गृहमंत्री और रामपुर से विधायक रहे ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में PSC में सिलेक्ट अफसरों के रिश्तेदारों की लिस्ट दी है. इसके बाद कांग्रेस ने भी पुराने अफसरों और नेताओं की वो लिस्ट सामने रखी है, जिनके रिश्तेदार सिलेक्ट हुए थे. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.
CGPSC की 2021-22 की सिलेक्शन लिस्ट विवादों में घिरी है. आरोप है कि भर्ती में फर्जीवाड़ा और भाई-भतीजावाद किया गया है. हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर होने के बाद 13 नियुक्तियों पर रोक भी लगा दी थी.
हालांकि कुछ तथ्यों को लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने राज्य सरकार और PSC को निर्देशित किया था कि जो सूची याचिकाकर्ता ने पेश की है, उसके तथ्यों की सत्यता की जांच कर लें.
CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया. इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे. इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए. इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई.
कांग्रेस सरकार में भी शिकायत की गई थी, लेकिन तब कह दिया गया था कि, जिसे आपत्ति है वो कोर्ट जा सकता है. सरकार ने एक्शन से इनकार कर दिया था. इसके बाद भाजपा ने आंदोलन किया और सरकार आने पर CBI जांच कराने तक की बात कही थी.
इस मामले में भाजपा जब सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने लगी तो कांग्रेस ने भी एक लिस्ट जारी कर दी. इसमें बताया गया कि भाजपा शासनकाल में भी भाई-भतीजावाद चलता रहा. उसने लिस्ट में उन लोगों के नाम लिखे, जिनका सिलेक्शन हुआ और वे किसी अधिकारी के रिश्तेदार थे.